लोकतंत्र ही धर्म का असली प्राण
मुनि कमलेश ने डॉ जीएस पीपाड़ा के निवास पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा धर्म की रक्षा से बढक़र है, सच्चे अर्थों में लोकतंत्र ही धर्म का असली प्राण है लोकतंत्र जिंदा है तो हम जिंदा हैं। चुनावों में अपने मत का उपयोग न करने वाला धर्म का अपमान कर रहा है एक-एक वोट देश के निर्माण में महत्वपूर्ण है। कमल भंडारी, मंजू प्रेम भंडारी, पीपाड़ा को वरिष्ठ सेवाओं के लिए अभिनंदन किया गया। कौशल मुनि ने मंगलाचरण, घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।
मुनि कमलेश ने डॉ जीएस पीपाड़ा के निवास पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा धर्म की रक्षा से बढक़र है, सच्चे अर्थों में लोकतंत्र ही धर्म का असली प्राण है लोकतंत्र जिंदा है तो हम जिंदा हैं। चुनावों में अपने मत का उपयोग न करने वाला धर्म का अपमान कर रहा है एक-एक वोट देश के निर्माण में महत्वपूर्ण है। कमल भंडारी, मंजू प्रेम भंडारी, पीपाड़ा को वरिष्ठ सेवाओं के लिए अभिनंदन किया गया। कौशल मुनि ने मंगलाचरण, घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।