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‘वैचारिक क्रांति से दूर करें मन की विकलांगता’

locationकोलकाताPublished: Nov 26, 2018 02:33:28 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

महावीर सेवा सदन में मुनि कमलेश का मंगल प्रवेश

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‘वैचारिक क्रांति से दूर करें मन की विकलांगता’

कोलकाता. आज समाज में लोग तन की विकलांगता से ज्यादा मन की विकलांगता से ग्रसित हैं। हमे वैचारिक क्रांति के जरिए उन्हें समझाकर उनके अंदर घर कर गई बुरी आदतों से मुक्त कराना होगा, तभी मानव जीवन में जन्म लेने का मुख्य उद्देश्य सफल होगा। महावीर सेवा सदन के सेवामंदिर में रविवार को राष्ट्रीय संत कमल मुनि कमलेश ने मंगल प्रवेश के दौरान यह बात कही। मुनि ने कहा कि महावीर सेवा सदन दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान कर उन्हें पैरों पर खड़ा कर रहा है। यहां मायूस चेहरा लेकर आनेवालों के चेहरों पर हंसी लौट रही है और दरअसल यही सच्ची सेवा है। मुनि के मंगल प्रवेश पर महावीर सेवा सदन के संस्थापक अध्यक्ष जेएस मेहता, अध्यक्ष विजय सिंह चोरडिय़ा ने अभिनंदन कर आशीष ग्रहण किया। मुनि ने पांच मंजिले भवन के प्रत्येक विभागों का निरीक्षण कर दिव्यांगों की चल रही सेवा कार्यों का जायजा लिया। सेवा सदन की ओर से 35 वर्षों से जारी इस सेवा कार्य के लिए संस्थापक अध्यक्ष जेएस मेहता को मुनि ने सेवारत्न सम्मान से सम्मानित किया। इस मौके पर सचिव आरएस सिंघी, सलाहकार समिति के विशिष्ट सदस्य संतोष दुगड़, सदन के चिकित्सा निदेशक वीके नेवटिया सहित अन्य संस्था सदस्यों ने मुनि से आशीष ग्रहण किया। संचालन उपाध्यक्ष हमीरमल सेठिया ने किया।
लोकतंत्र ही धर्म का असली प्राण
मुनि कमलेश ने डॉ जीएस पीपाड़ा के निवास पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा धर्म की रक्षा से बढक़र है, सच्चे अर्थों में लोकतंत्र ही धर्म का असली प्राण है लोकतंत्र जिंदा है तो हम जिंदा हैं। चुनावों में अपने मत का उपयोग न करने वाला धर्म का अपमान कर रहा है एक-एक वोट देश के निर्माण में महत्वपूर्ण है। कमल भंडारी, मंजू प्रेम भंडारी, पीपाड़ा को वरिष्ठ सेवाओं के लिए अभिनंदन किया गया। कौशल मुनि ने मंगलाचरण, घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।
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