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‘गांधी विनाश से बचाने वाले अहिंसक सेनानी ’

locationकोलकाताPublished: Oct 02, 2018 06:19:21 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

महावीर सदन में अहिंसा दिवस पर मुनि कमलेश के प्रवचन

kolkata

‘गांधी विनाश से बचाने वाले अहिंसक सेनानी ’

कोलकाता. हिंदुस्तान की माटी में जन्मे महात्मा गांधी विचारों ऊर्जा के अकूत भंडार हैं। उनका आचार-विचार और व्यवहार अपने आप में गीता-कुरान से कम नहीं। उनकी दैनिक जीवनशैली को आत्मसात करके ही प्रत्येक व्यक्ति सच्ची शांति और विकास के मार्ग की ओर अग्रसर हो सकता है। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने महावीर सदन में अहिंसा दिवस को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि गांधी एक व्यक्ति नहीं, बल्कि विश्व को विनाश से बचाने वाले अहिंसक सेनानी शक्तिशाली हैं। आज पूरा विश्व गांधी की सादगी का कायल और विचारों का दीवाना बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से गांधी जयंती को अहिंसा दिवस के रूप में मान्यता प्रदान करना देशवासियों के लिए स्वाभिमान का विषय है। इससे हिंदुस्तान पुन: विश्व गुरु के रूप में महामंडित हुआ। यह बेहद दुखद बात है कि आज उनके सिद्धांतों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा। उनका उद्देश्य देश को आजादी दिलाना ही नहीं बल्कि देश को ऊंचाइयों के शिखर पर पहुंचना, चरित्र निर्माण मुख्य लक्ष्य था। अगर आज वापस जन्म लेकर गांधी देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार, मिलावट, धोखाधड़ी, आतंकवाद, नशा, भ्रूण हत्या, नेता-माफिया गिरोह के गठजोड़ देखते, तो शायद सदमे से दम तोड़ तोड़ देतेे। गोली से मिलने पर गांधी को जितनी पीड़ा नहीं हुई होगी उतनी आज होती। मुनि ने कहा कि गांधी का सपना था देश की आजादी की प्रथम कलम से पूरे देश में शराबबंदी और गोवंश सुरक्षा का कानून बनाना। दुर्भाग्य है आजादी के इतने वर्षों बाद भी गांधी की भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया। गांधी की समाधि पर माथा टेकने का पाखंड बंद होना चाहिए। गांधी के विचार सदैव प्रासंगिक रहेंगे उनके विचारों के बिना विश्व शांति तीन काल में भी संभव नहीं हो सकती। समारोह की अध्यक्षता हैदराबाद निवासी जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली महिला शाखा की पूर्व मंत्री कमलेश बोहरा ने की। जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महिला शाखा प्रमुख मनीषा बागरेचा विदिशा मुख्य अतिथि थी।

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