scriptविदेशी वस्तुओं को अपनाना शहीदों के जख्मों पर नमक छिडक़ने जैसा’ | muni said to avoid foreign products | Patrika News

विदेशी वस्तुओं को अपनाना शहीदों के जख्मों पर नमक छिडक़ने जैसा’

locationकोलकाताPublished: Oct 26, 2018 10:40:16 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

महावीर सदन में धर्मसभा–मुनि कमलेश ने कहा, लें विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प

kolkata

विदेशी वस्तुओं को अपनाना शहीदों के जख्मों पर नमक छिडक़ने जैसा’

कोलकाता. आज़ादी के परवाने शहीदों ने सिर्फ आजादी के लिए ही अपनी कुर्बानी नहीं दी, बल्कि देश समृद्ध-खुशहाल बने और ऊंचाइयों के शिखर को छुए यही उनका अरमान था। उन्होंने इसी को लेकर विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया, उसकी होली जलाई। यदि आज हम विदेशी वस्तुओं को प्यार करते हैं उन्हें अपनाते हैं, तो शहीदों के जख्मों पर नमक छिडक़ने जैसा जघन्य अपराध कर रहे। राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश ने महावीर सदन में शुक्रवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि विदेशी कंपनियां हिंदुस्तान को दोनों हाथों से लूट रही हैं। इसलिए अगर हमारी आजादी बचानी है तो विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प लेना होगा। विदेशी वस्तु खरीदने वाले अपने भाइयों को बेरोजगार कर उनके पेट पर लात मार कसाई जैसा काम कर रहे। बेरोजगार होने पर अपराध और आतंकवाद जगत में प्रवेश कराने का दोषी कौन? जैन संत ने कहा कि जो देश आर्थिक रूप से कमजोर होता है वह गुलामी की ओर अग्रसर होता है और जिसमें स्वाभिमान नहीं होता विदेशी वस्तु खरीदने-बेचने जैसे कार्य को प्रोत्साहित करता है। वह देश धर्म का वफादार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि खून-पसीना से कमाया पैसा अमेरिका और चीन विदेशी वस्तुओं की बिक्री के जरिए ले लेते हैं, सहायता के रूप में पाकिस्तान जैसे आतंकवादी देश को प्रदान करते हैं। उन पैसों से हथियार खरीद कर हिंदुस्तान पर हमले किए जाते हैं। यह कार्य देशद्रोही से कम नहीं। दीपावली के पावन प्रसंग पर सभी को चीन आदि विदेशों की निर्मित वस्तुओं का उपयोग नहीं करने की शपथ लेनी होगी। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद होना चाहिए कि….स्वदेशी अपनाकर, शान से आधी रोटी खाएंगे और देश को बचाएंगे। उन्होंने कहा कि जितना देश को अंग्रेजों ने नहीं लूटा उतना विदेशी वस्तु खरीद कुछ लोग देश को नुकसान पहुंचा रहे ऐसे लोग धार्मिक कहलाने का अधिकारी नहीं हैं। विदेशी वस्तुओं का आकर्षण उनके दिल में आज भी बरकरार है, जो शर्मनाक है। किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे, मजदूर बेरोजगार हो रहे, हजारों फैक्ट्रियां बंद हो गई हंै इस पाप की भागीदारी के दोषी कौन? जापान जैसी देशभक्ति का पाठ हम सबको पढऩा होगा। अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली पूर्व भारत और अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने स्वदेशी अपनाओ-देश बचाओ नारे के साथ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान प्रारंभ किया। कौशल मुनि ने मंगलाचरण और घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो