आभासी रैली में उनके साथ दिल्ली मंच पर केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, देवश्री चौधरी, दार्जिलिंग से पार्टी सांसद राजू बिष्ठ और स्वपन दासगुप्ता थे और कोलकाता के मंच पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, राहुल सिन्हा थे। इसके अलावा राष्ट्रीय सिचव (संगठन) श्रीप्रकाश, बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, सह प्रभारी अरविन्द मेनन और मुकुल राय इस रैली में शामिल थे।
रैली से जुड़े लोगों से नड्डा ने कहा कि जिस श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल में शिक्षा को ऊचाईयों पर ले गए। बंगाल ने देश को दृष्टी दी। बंगाल जो आज सोचता है देश वह कल सोचता है। इसकी यही चरित्र और छवि रही है। लेकिन अब के बंगाल की शिक्षा व्यवस्था रसातल में चला गया है। इसका राजनीतिकरण कर दिया गया है। यह बंगाल के लिए दुःखद और भाजपा के लिए श्यामा प्रसाद के अनुरूप बंगाल की शिक्षा को ऊचाईयों पर ले जाने का संकल्प लेने का समय है।
रैली से जुड़े लोगों से नड्डा ने कहा कि जिस श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल में शिक्षा को ऊचाईयों पर ले गए। बंगाल ने देश को दृष्टी दी। बंगाल जो आज सोचता है देश वह कल सोचता है। इसकी यही चरित्र और छवि रही है। लेकिन अब के बंगाल की शिक्षा व्यवस्था रसातल में चला गया है। इसका राजनीतिकरण कर दिया गया है। यह बंगाल के लिए दुःखद और भाजपा के लिए श्यामा प्रसाद के अनुरूप बंगाल की शिक्षा को ऊचाईयों पर ले जाने का संकल्प लेने का समय है।
नड्डा ने कहा कि अखंड भारत के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जवाहरलाल नेहरू की “तुष्टीकरण की राजनीति” का विरोध करते हुए एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान व्यवस्था समाप्त करने की लड़ाई लड़ते हुए प्राण गवाया था। ऐसे में उनकी जयंति पर मोदी सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर उनका सपना पूरा किया है। यही उनकी सच्ची श्रद्धांजली है।
उन्होंने कहा कि मुखर्जी के राष्ट्र में योगदान के बारे में बोलते हुए, नड्डा ने जोर देकर कहा कि जनसंघ के संस्थापक के प्रयासों के कारण ही पश्चिम बंगाल और पंजाब का बड़ा हिस्सा भारत के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि मुखर्जी के राष्ट्र में योगदान के बारे में बोलते हुए, नड्डा ने जोर देकर कहा कि जनसंघ के संस्थापक के प्रयासों के कारण ही पश्चिम बंगाल और पंजाब का बड़ा हिस्सा भारत के साथ हैं।