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पीएम की घोषणा के बाद भी नहीं बदला नाम, पहली बार दिल्ली में दिखेगी केपीटी झांकी

locationकोलकाताPublished: Jan 24, 2020 06:50:30 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL NEWS: Name not changed even after PM’s announcement, KPT tableau will be seen in Delhi for the first time–झांकी में नजर आएंगे श्रम–इंजीनियरिंग के नायाब नमूने के तौर पर कोलकाता और हावड़ा को जोडऩे वाले रवींद्र सेतु की पृष्ठभूमि में साइट पर काम करते मजदूर, नजर नहीं आएगी पश्चिम बंगाल की झांकी

पीएम की घोषणा के बाद भी नहीं बदला नाम, पहली बार दिल्ली में दिखेगी केपीटी झांकी

पीएम की घोषणा के बाद भी नहीं बदला नाम, पहली बार दिल्ली में दिखेगी केपीटी झांकी

कोलकाता. गणतंत्र दिवस की परेड में इस साल पश्चिम बंगाल की झांकी नजर नहीं आएगी, लेकिन परेड के दौरान जहाजरानी मंत्रालय की झांकी में 150 वर्षीय कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) की झलक जरूर दिखेगी। इससे पहले बंगाल सरकार लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली योजना कन्याश्री को गणतंत्र दिवस परेड में दिखाना चाहती थी, लेकिन झांकी के प्रस्ताव को चयन करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने खारिज कर दिया। वहीं, सीएए के खिलाफ लगातार मुखर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की झांकी शामिल नहीं किए जाने को बदले की राजनीति करार दिया और कहा कि यह बंगाल की जनता का अपमान है। गणतंत्र दिवस परेड में केपीटी की झांकी में श्रम व इंजीनियरिंग के नायाब नमूने के तौर पर कोलकाता और हावड़ा को जोडऩे वाले रवींद्र सेतु (हावड़ा ब्रिज) की पृष्ठभूमि में साइट पर काम करते मजदूर नजर आएंगे। इसके साथ कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का ऐतिहासिक क्लॉक टावर भी नजर आएगा। झांकी के आगे हिंदी में अंग्रेजी में कोलकाता पत्तन न्यास लिखा होगा और साथ में 150वर्ष—गौरवशाली अतीत, उज्ज्वल भविष्य की टैग लाइन भी होगी। जहाजरानी मंत्रालय की झांकी 22 झांकियों में से एक होगी। इस वर्ष 26 जनवरी परेड के लिए चुनी गई 22 झांकियों में 16 विभिन्न राज्यों–केंद्र शासित क्षेत्रों की झांकी होगी और 6 विभिन्न मंत्रालयों, विभागों की होगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जनवरी को कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नया नामकरण भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम करने की घोषणा की थी। इसके बावजूद झांकी में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट नाम लिखा दिख रहा पर नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट नहीं है। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलने को लेकर विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार की आलोचना भी की जा रही। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से इसके खिलाफ गत दिनों विरोध जुलूस निकाला गया। वहीं, कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की ट्रेड यूनियनों ने इस फैसले का विरोध कर कहा है कि इस कदम से संगठन के इतिहास को नुकसान पहुंचेगा। विपक्ष का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार गेम चेंजर (महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले) के बजाय नेम चेंजर (नाम बदलने वाली) बन गई है।
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