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पहले नेस्तनाबूद किया नक्सलवाद, अब गरीब बच्चों को दे रहे फ्री कोचिंग

locationकोलकाताPublished: Jan 18, 2020 05:00:03 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL NEWS: Naxalism was destroyed first, now giving free coaching to poor children, बंगाल के लालगढ़ में नक्सलवाद को समाप्त करने में सीआरपीएफ 5०वीं बटालियन की थी अहम भूमिका, मनाया 51वां स्थापना दिवस

पहले नेस्तनाबूद किया नक्सलवाद, अब गरीब बच्चों को दे रहे फ्री कोचिंग

पहले नेस्तनाबूद किया नक्सलवाद, अब गरीब बच्चों को दे रहे फ्री कोचिंग

कोलकाता. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 5०वीं बटालियन ने 51वां स्थापना दिवस पूरे जोश-उमंग-उत्साह के साथ मनाया। पश्चिम मिदनापुर जिले के लालगढ़ इलाके में बुधवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 5०वीं बटालियन ने 51वां स्थापना दिवस लालगढ़ मुख्यालय में मनाया। पुलिस महानिरीक्षक मध्य जोन (अतिरिक्त प्रभार पश्चिम बंगाल सेक्टर) विवेक वैध बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। गौरतलब है कि ५०वर्ष पहले 15 जनवरी 1969 को नीमच में सीआरपीएफ 5०वीं बटालियन की स्थापना हुई थी। स्थापना दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कमांडेंट की अध्यक्षता में सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि विवेक वैध, पुलिस उपमहानिरीक्षक (परिचालन ) मेदिनीपुर पंकज कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। लालगढ़ में नक्सलवाद को समाप्त करने में पचास नंबर बटालियन ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अतिरिक्त सीआरपीएफ इलाके में सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त कोचिंग, घर—घर पानी की सुविधा, गरीबों में वस्त्र वितरण, दस चुनिंदा विद्यालय से दो दो गरीब बच्चों को चेन्नई का सफर और मशहूर अभिनेता कमल हासन से मुलाकात करना,विद्यालय को चार कंप्यूटर सेट और एक एक कलर प्रिंटर कुर्सी डेस्क प्रदान कर ग्रामीणों में जनसम्पर्क अभियान चलाकर इलाके को अपराध मुक्त करने की जिम्मेदारी भी उठा रही।
भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा
सीआरपीएफ भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है। जो भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य/संघ शासित प्रदेशों की सहायता, कानून-व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है। यह क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में 27 जुलाई 1939 को अस्तित्व में आया था। भारतीय स्वतंत्रता के बाद यह 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया। 230 बटालियनों और विभिन्न अन्य प्रतिष्ठानों के साथ, सीआरपीएफ भारत का सबसे बड़ा अद्र्धसैनिक बल माना जाता है।
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