कोलकाता

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की फंडिंग करेगी एनबीएफसी

साल के अंत से शुरू होगी ऋण देने की प्रक्रिया- बादल

कोलकाताJul 15, 2018 / 11:26 pm

MANOJ KUMAR SINGH

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की फंडिंग करेगी एनबीएफसी

एनबीएफसी में सिर्फ राष्ट्रीय स्तर की ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर की कंपनियां भी निवेश करना चाहती हैं। एनबीएफसी कंपनी एग्रो-प्रोसेसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन इस साल के अंत में काम करना शुरू कर देगी।
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खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्यमियों को बैंकों से ऋण नहीं मिलने की परेशानी अब खत्म होने वाली है। केन्द्र सरकार ने इस क्षेत्र की औद्योगिक इकाईयों को ऋण देने की विशेष व्यवस्था की है। इस क्षेत्र के उद्योग को फंडिंग करने के लिए सरकार ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का गठन किया है। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बैंक ऋण नहीं देते हैं। इसलिए इस क्षेत्र के उद्योगों को ऋण देने के लिए सरकार ने एनबीएफसी संस्था एग्रो-प्रोसेसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन का गठन किया है। केन्द्र सरकार ने इसमें 2000 करोड़ रुपए निवेश की योजना बनाई है। इसमें से 400 करोड़ रुपए केन्द्र सरकार और बाकी की रकम निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश करेंगी। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जुलाई महीने के अंत में जारी किया जाएगा। बहुत सी निजी क्षेत्र की कंपनियां इसमें दिलचस्पी दिखा रही हैं। इस क्षेत्र में सिर्फ राष्ट्रीय स्तर की ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर की कंपनियां भी निवेश करना चाहती हैं। कोलकाता दौरे में हाल ही में आई बादल ने कहा कि उम्मीद है कि एनबीएफसी कंपनी एग्रो-प्रोसेसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन इस साल के अंत में काम करना शुरू कर देगी।
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में व्यापक वृद्धि की संभावनाएं हैं। फिर भी इस क्षेत्र के उद्योग को बैंक से ऋण मिलने में काफी परेशानी होती है। मौजूदा समय में भारतीय किसानों की उपज का सिर्फ 10 प्रतिशत प्रसंस्करित होता है, बल्कि विश्व में किसानों के कुल उत्पादों का 60 से 70 प्रतिशत प्रसंस्करित किया जाता है। भारत में भारी मात्रा में किसानों की पैदावार नष्ट हो जाती है।
केन्द्रीय योजनाओं का लाभ लेने में उदासीन बंगाल
हरसीमरत कौर बादल ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही केन्द्रीय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए तत्परता नहीं दिखा रही है। केन्द्र सरकार ने 2016 से 2020 तक के लिए एग्रो मेरिन प्रोसेसिंग और एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर्स के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना चलाई जा रही है। इसके तहत केन्द्र सरकार 6000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस योजना के तहत प्रत्येक राज्य को कोटा दिया है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और दूसरे राज्यों ने अपने यहां क्लस्टर लगाने के लिए प्रस्ताव दिए हैं, लेकिन बंगाल से एक भी प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की बंगाल सरकार अपने यहां के किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।
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