scriptजूट की नई फसल: जूट की नमी मापने के मुद्दे पर विवाद | New crop of jute: Controversy over the issue of measuring the moisture of jute | Patrika News
कोलकाता

जूट की नई फसल: जूट की नमी मापने के मुद्दे पर विवाद

ट की नई फसल के बाजार में आने से पहले ही नमी (म्वॉयसचर) मापने के मुद्दे पर जूट कारोबारियों जूट बेलर्स एसोसिएशन (जेबीए) और मिल मालिकों

कोलकाताAug 27, 2017 / 11:31 pm

शंकर शर्मा

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कोलकाता. जूट की नई फसल के बाजार में आने से पहले ही नमी (म्वॉयसचर) मापने के मुद्दे पर जूट कारोबारियों जूट बेलर्स एसोसिएशन (जेबीए) और मिल मालिकों का संगठन इजमा के बीच विवाद जारी है। एक तरफ इजमा इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के फार्मूला के तहत ४ छोटी पिन वाली मशीन से नमी मापने तथा बीआईएस मानक अपनाने पर अडिग है वहीं जेबीए भारतीय जूट निगम के दिशा निर्देश को मानने से कतरा रहा है।


सूत्रों ने बताया कि जूट आयुक्त की अध्यक्षता में गत १९ अगस्त को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जूट बेलर्स एसोसिएशन (जेबीए) जूट का दैनिक भाव के साथ-साथ जेसीआई के दिशा निर्देशों के तहत जूट में नमी की मात्रा को दर्शाएगा। इसे २५ अगस्त से लागू होने पर सहमति बनी थी, जो नहीं माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि जेबीए ने गत १७ जुलाई से ही ऐसा कर रहा है। इस पर आपत्ति जताते हुए इजमा ने जेबीए के चेयरमैन को पत्र लिखा। जिसमें उसने जूट के दैनिक भाव के साथ नमी की मात्रा का भी उल्लेख करने का अनुरोध किया है।

इजमा ने सवाल उठाया है कि जूट आयुक्त कार्यालय ने इसमें किसी तरह का संशोधन नहीं किया है, तो जेबीए किस आधार पर इसे नहीं माना। दूसरी ओर, भारतीय जूट निगम ने भी जूट बेलर्स एसोसिएशन के सचिव को पत्र लिख कर जूट की नमी मापने के लिए इंडियन जूट इंडस्ट्रीज रिसर्च एसोसिएशन (इजिरा) की ओर से विकसित ४ पिन इलेक्ट्रोड वाली म्वॉयसचर मशीन का इस्ते माल करने को कहा है। इधर, मिल मालिकों का कहना है कि जूट में नमी के नाम पर एक-एक मिल को सालाना कम से कम दो करोड़ का नुकसा न उठाना पड़ता है। जूट के कारोबारी जूट का वजन बढ़ाने के लिए कई तरह के हथ कण्डे अप नाते हैं।

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