माना जा रहा है कि सीजन के नए जूट की पूजा का मुख्य उद्देश्य पूरे साल भर जूट मिलों में जूट (कच्चा पाट) की सप्लाई अच्छी रहे और जूट का कारोबार फले-फूले। जुलाई से ही जूट का नया सीजन शुरू हो जाता है। राज्य के अधिकांश जूट मिलों में बुधवार को पाट की पूजा की गई। सूत्रों ने बताया कि हर साल हुगली सहित अन्य जिलों में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा के दिन सांकेतिक तौर पर पाट को भगवान के समक्ष पेश करने की परम्परा रही है।
इस बार महामारी कोरोना के चलते रथयात्रा का आयोजन नहीं हुआ। फलस्वरूप बुधवार को रथयात्रा की वापसी(उल्टा रथ) के शुभ मुहूर्त पर मिलों में पाट की पूजा की गई। पिछले दो दिनों में हुकुमचंद जूट मिल, श्यामनगर वेवर्ली जूट मिल, नैहट्टी जूट मिल, रिलायंस जूट मिल, चेवियट जूट मिल, कांकीनाड़ा जूट मिल, नफरचंद जूट मिल, हेस्टिंग्स जूट मिल, शक्तिगढ़ जूट पार्क, डेल्टा जूट मिल, एम्पायर जूट मिल, गौरीशंकर जूट मिल और विक्टोरिया जूट मिल में पाट की विधिवत पूजा की गई।