कोलकाता
सियालदह में यात्रियों की सुविधा के एक नया प्लेटफार्म बनाया जाएगा। यह उत्तर शाखा की ओर एक नया प्लेटफार्म नंबर 9 डी होगा। इसके पहले 9ए 9 बी और 9सी पहले से था। इसके अलावा चार प्लेटफार्म का विस्तार किया जाएगा। इसके पहले नौ बोगी की लोकल ट्रेन के लिए था अब इसका विस्तार कर इसको 12कोच वाली ट्रेन का बनाया जाएगा। सियाहदह दक्षिण शाखा में सभी प्लेटफार्म 12 कोच वाली टे्रन के लिए था। लेकिन उत्तर शाखा में 9 कोच वाली ही ट्रेन के लिए ही प्लेटफार्म था। उत्तर शाखा के प्लेटफार्म को 12 कोच वाली ट्रेन के लिए तैयार किया जाएगा। इससे उत्तर शाखा में सभी 12 कोच वाली ट्रेन आ पाएगी। इससे यात्रियों की भीड़ में कमी आएगी और नए प्लेटफार्म के निर्माण से भी दबाव कम होगा।
सियालदह में यात्रियों की सुविधा के एक नया प्लेटफार्म बनाया जाएगा। यह उत्तर शाखा की ओर एक नया प्लेटफार्म नंबर 9 डी होगा। इसके पहले 9ए 9 बी और 9सी पहले से था। इसके अलावा चार प्लेटफार्म का विस्तार किया जाएगा। इसके पहले नौ बोगी की लोकल ट्रेन के लिए था अब इसका विस्तार कर इसको 12कोच वाली ट्रेन का बनाया जाएगा। सियाहदह दक्षिण शाखा में सभी प्लेटफार्म 12 कोच वाली टे्रन के लिए था। लेकिन उत्तर शाखा में 9 कोच वाली ही ट्रेन के लिए ही प्लेटफार्म था। उत्तर शाखा के प्लेटफार्म को 12 कोच वाली ट्रेन के लिए तैयार किया जाएगा। इससे उत्तर शाखा में सभी 12 कोच वाली ट्रेन आ पाएगी। इससे यात्रियों की भीड़ में कमी आएगी और नए प्लेटफार्म के निर्माण से भी दबाव कम होगा।
हावड़ा हादसे को दावत देते जर्जर ब्रिज हावड़ा
हावड़ा में कई ऐसे जर्जर ब्रिज हैं जो हादसे को दावत दे रहे हैं। कई कनेक्टर रोड की हालत भी जर्जर है। यदि समय पर इनकी मरम्मत नहीं की गई तो कभी भी ब्रिज ढह सकते हैं। हावड़ा शहर को उत्तर हावड़ा से दक्षिण हावड़ा को जोडऩे वाले ब्रिज के क्रम में बंकिम सेतु व बंगालबाबू का ब्रिज है। जहां से प्रतिदिन हजारों की संख्या में मालवाही वाहन से लेकर आम वाहन जाते और आते हैं। इसमें बंकिम सेतु से जब वाहन गुजरते हैं तो इसकी वजह से कंपन का अनुभव होता है। क्योंकि इस ब्रिज के दोनों ओर फुटपाथ है। उससे गुजरने के दौरान ही यह अनुभव हर किसी को होता है। बंकिम सेतु जैसे पुराना है। इसलिए इसकी जर्जरता को देखते हुए इसमें वाहनों की गति की समय सीमा पुलिस ने तय की थी। वाहन चालक इसकी अनदेखी कर इस पर तेजी से वाहन दौड़ाते है। इनको रोकने वाला कोई नहीं है। ईस्ट वेस्ट मेट्रो रेल परियोजना के काम के लिए इस ब्रिज को कमजोर मानकर ही को दो दिन के बंद किया गया था। उस समय काफी समस्या हुई थी। इससे साफ होता है कि ब्रिज कितना मजबूत है। ब्रिज से पानी नीचे टपकता रहता है। ब्रिज की रेलिंग टूटी हुई है।
हावड़ा में कई ऐसे जर्जर ब्रिज हैं जो हादसे को दावत दे रहे हैं। कई कनेक्टर रोड की हालत भी जर्जर है। यदि समय पर इनकी मरम्मत नहीं की गई तो कभी भी ब्रिज ढह सकते हैं। हावड़ा शहर को उत्तर हावड़ा से दक्षिण हावड़ा को जोडऩे वाले ब्रिज के क्रम में बंकिम सेतु व बंगालबाबू का ब्रिज है। जहां से प्रतिदिन हजारों की संख्या में मालवाही वाहन से लेकर आम वाहन जाते और आते हैं। इसमें बंकिम सेतु से जब वाहन गुजरते हैं तो इसकी वजह से कंपन का अनुभव होता है। क्योंकि इस ब्रिज के दोनों ओर फुटपाथ है। उससे गुजरने के दौरान ही यह अनुभव हर किसी को होता है। बंकिम सेतु जैसे पुराना है। इसलिए इसकी जर्जरता को देखते हुए इसमें वाहनों की गति की समय सीमा पुलिस ने तय की थी। वाहन चालक इसकी अनदेखी कर इस पर तेजी से वाहन दौड़ाते है। इनको रोकने वाला कोई नहीं है। ईस्ट वेस्ट मेट्रो रेल परियोजना के काम के लिए इस ब्रिज को कमजोर मानकर ही को दो दिन के बंद किया गया था। उस समय काफी समस्या हुई थी। इससे साफ होता है कि ब्रिज कितना मजबूत है। ब्रिज से पानी नीचे टपकता रहता है। ब्रिज की रेलिंग टूटी हुई है।