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Game of Politics: रवींद्र सरोबर में छठ पूजा से एनजीटी का इनकार, सुप्रीम कोर्ट जा सकती है सरकार

locationकोलकाताPublished: Sep 18, 2020 01:18:57 am

Submitted by:

Manoj Singh

रवींद्र सरोबर में छठ पूजा से एनजीटी का इनकार, सुप्रीम कोर्ट जा सकती है सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गुरुवार को दक्षिण कोलकाता के रवीन्द्र सरोवर में छठ पूजा करने की अनुमित मांगने वाली केएमडीए की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही उसने इस राष्ट्रीय घरोहर को बचाने के लिए अपने पिछले आदेश को बरकरार रखाहै। दूसरी ओर इस झील के संरक्षक केएमडीए एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहा ह

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पर्यावरण प्रेमियों ने किया ग्रीन ट्राइबुनल के फैसले का स्वागत

कोलकाता
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गुरुवार को दक्षिण कोलकाता के रवीन्द्र सरोवर में छठ पूजा करने की अनुमित मांगने वाली कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही उसने इस राष्ट्रीय घरोहर को बचाने के लिए अपने पिछले आदेश को बरकरार रखा, जिसमें रवीन्द्र सरोवर में छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। दूसरी ओर इस झील के संरक्षक केएमडीए एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहा है।
इस दिन एनजीटी के न्यायमूर्ति एस पी वांगड़ी और दो विशेषज्ञ सदस्यों की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए केएमडीए को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उसके पहले के आदेश का सख्ती से लागू किया जाए और नवंबर महीने में छठ पूजा के दिन झील के परिसर में कोई भी प्रवेश नहीं कर सके।
केएमडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केएमडीए कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद अगली कार्रवाई किया जाएगा। शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने संवाददाताओं से कहा कि एनजीटी के आदेश की समीक्षा के लिए केएमडीए सुप्रीम कोर्ट जाने के बारे में सोच रहा है।
केएमडी राज्य के शहरी विकास विभाग के तहत काम करती है। इसने बुधवार को इनजीटी में के समक्ष याचिका दाखिल कर धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए रवीन्द्र सरोवर में छठ पूजा करने की अनुमति देने की मांग की गई थी। केएमडीए ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती है, क्योंकि पिछले साल हजारों श्रद्धालुओं ने विशाल झील क्षेत्र के बंद फाटकों को तोड़ दिया था और एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करते हुए पूजा की थी।
पर्यावरणविद सोमेंद्र नाथ घोष और सुमिता बंद्योपाध्याय ने एनजीटी के आदेश की सराहना की और आश्चर्य जताया कि क्या केएमडीए ने फिर से ऐसी दलील देने के लिए प्रेरित किया। पर्यावरण प्रेमी सुभाष दत्ता ने कहा कि एनजीटी ने कहा है कि केएमडीए धार्मिक भावनाओं और कानून और व्यवस्था के मुद्दे को लागू करके अदालत के आदेश को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है।
2016 में एनजीटी ने दी थी छठ पूजा करने की अनुमित
एनजीटी ने वर्ष 2016 में कुछ नियमों के तहत ही रवीन्द्र सरोवर में छठ पूजा करने की अनुमति दी थी। उसके बाद एनजीटी ने अपने अगले आदेश में कहा कि झील और आसपास के उद्यानों और मैदानों में प्रदूषण रोकने के लिए अब कोई छठ पूजा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। केएमडीए को कानून लागू करने का निर्देश दिया। रवीन्द्र सरोबर भारत सरकार के राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना का हिस्सा है। विशाल झील और आसपास के मैदानों का उपयोग रोइंग, तैराकी प्रतियोगिताओं से लेकर क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य गतिविधियों के लिए कई खेल गतिविधियों के लिए किया जाता है।

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