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बंगाल में भी हुआ निर्भया कांड: दोषियों को सजा-ए-मौत

locationकोलकाताPublished: Jan 27, 2020 10:26:46 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL NEWS: Nirbhaya scandal also happened in Bengal: convicts sentenced to death, नाबालिग से गैंगरेप के बाद नृशंस हत्याकांड, 2 दोषियों को फांसी की सजा, हुगली एडिशनल डिस्ट्रिक्ट सेशन सेकंड कोर्ट न्यायाधीश का फैसला, पहले 11 वर्षीया नाबालिग छात्रा को अगवा किया, फिर गैंगरेप बाद में गला दबाकर हत्या। शव की पहचान छुपाने के लिए टुकड़े-टुकड़े करगाड़ दिया था दोषियों ने

बंगाल में भी हुआ निर्भया कांड: दोषियों को सजा-ए-मौत

बंगाल में भी हुआ निर्भया कांड: दोषियों को सजा-ए-मौत

कोलकाता/हुगली. केवल नई दिल्ली ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल में भी निर्भया कांड जैसी अमानवीय वीभत्स घटना हुई, जिसके दोनों दोषियों को सोमवार को सजा–ए–मौत की आदेश अदालत ने सुनाई। हुगली जिले के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट सेशन सेकंड कोर्ट न्यायाधीश ने 2014 में नाबालिग के साथ गैंगरेप के बाद नृशंस हत्याकांड के 2 अभियुक्त गौरव मंडल और कौशिक मालिक को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। जिला अदालत में गैंगरेप के दोषियों को पहली बार फांसी की सजा सुनाई गई। सरकारी अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि अदालत में पेश तमाम सबूतों व गवाहों के बयानों पर 5 साल से विचाराधीन इस मामले में 2 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए न्यायधीश ने मृत्युदंड की सजा सुनाई। अदालत ने भारतीय दंड संहिता धारा-363 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास के साथ 10 लाख जुर्माना, धारा 376/2 एंड 364/34 के तहत आजीवन कारावास, 6 पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल कारवास, धारा 201 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारवास और धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई। गौरतलब है कि बालागड थाना के जीराट निवासी क्लास 6 की 11 वर्षीया नाबालिग छात्रा को तीन युवकों ने अपहरण किया था। यह घटना 12 दिसंबर 2014 की है। छात्रा 12 दिसंबर की रात जब प्राइवेट ट्यूशन पढक़र घर लौट रही थी तभी पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने नाबालिग को अगवाकर उसके साथ गैंगरेप किया और बाद में गला दबाकर हत्या कर डाली। इसके बाद शव की पहचान छुपाने के लिए उसके टुकड़े-टुकड़े करके गाड़ दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बलात्कार ही नहीं नाबालिग की हत्या के बाद उसके पिता से तीन लाख फिरौती मांग की। अभियोजन और बचाव पक्ष के पेश सबूतों को देखने के बाद अदालत ने गत 22 जनवरी को आरोपितों को दोषी करार दिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रत गुछाइत ने बताया कि आरोपी नाबालिग की हत्या करने के बाद शव को एक जंगल में ले गए और शव को जंगल में रखकर खाने-पीने होटल में चले गए थे। इधर, नाबालिग के परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। इसी दौरान एक युवक ने फोन कर नाबालिग के परिजनों से तीन लाख की फिरौती भी मांग की। मौत के बाद आरोपियों ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, दोनों पैरों को काटा और गंगा किनारे गाड़ दिया। घटना के एक दिन बाद 13 दिसंबर को परिजनों ने बालागढ़ थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। सब इंस्पेक्टर सोमनाथ दे ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें एक नाबालिग भी शामिल था। आरोपी नाबालिग का मजिस्ट्रेट के सामने गोपनीय बयान दर्ज किया गया वहां उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। फिलहाल जुवेनाइल कोर्ट में उसका मामला चल रहा है।
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