वह कोल काता में अपने परमार्थ कार्यों के लिए बहुत प्रसिद्ध रहीं। तब कलकत्ता आने से पहले सिस्टर निवेदिता दक्षिण-पश्चिम लंदन के विम्बल्डन हाई स्ट्रीट पर बने मकान में रहती थीं। वह स्कूल खोलने और ग रीबों की मदद करने का लक्ष्य लेकर कोलकाता आयी थीं। अना वरण कार्यक्रम में ममता ने कहा कि ‘यह हमारे लिए अत्यंत दुलर्भ क्षण है। इस धरती की बेटी, सिस्टर निवेदिता भारत के प्रति समर्पित थीं। हमारा देश उन्हें कभी नहीं भूला सकता।’
इंग्लैंड से भावनात्मक संबंध: ममता ने दोहराया कि ‘इंग्लैंड के साथ हमारा संबंध बहुत भावनात्मक रहा है। कलकत्ता भारत की सांस्कृतिक राजधानी है और हम इस विरासत को बनाए हुए हैं।’ उन्होंने क हा कि कोल काता और लंदन के बीच ‘भाई-बहन’ जैसे संबंधों के समा रोह ने उनके दिल को छू लिया है। मम ता ने स्थानीय विम्बल्डन इतिहास संग्रहालय को राज्य की ओर से सिस्टर निवेदिता और स्वामी विवेकानंद की छोटी प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर ब्रिटेन में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त दिनेश पट नायक ने कहा कि सिस्टर निवेदिता की याद में लगी नाम-पट्टिका हम सभी के लिए प्रेरक होनी चाहिए।
दिलचस्प जगहों की पहचान की: भारतीय उच्चायोग में हमने लंदन में भारतीयों के साथ जुड़ी दिलचस्प जगहों की पहचान कर और पर्यटकों के लिए नक्शा तैयार कर दिया है, ताकि पर्यटक उन जगहों की पहचान कर सकें और गौरव महसूस कर सकें। नाम-पट्टिका पर लिखा है ‘सिस्टर निवेदिता (मार्गरेट नोबेल) शिक्षाविद और स्वतंत्र भारत की समर्थक, यहां रहती थीं।’ रामकृष्ण मिशन और ब्रिटेन में सिस्टर निवे दिता के अनु यायियों ने ममता को आने का न्योता दिया था।