कोलकाता

टाटा से नहीं दुश्मनी, न ही लड़ी लड़ाई: पार्थ चटर्जी

भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के 16 साल बाद बोले तृणमूल नेताकहा, टाटा के साथ बड़े निवेश की बातचीत, वाम सरकार की भूमि नीति से हुआ आंदोलन
 

कोलकाताJul 20, 2021 / 06:59 pm

Ram Naresh Gautam

टाटा से नहीं दुश्मनी, न ही लड़ी लड़ाई: पार्थ चटर्जी

कोलकाता. राज्य के उद्योग और आईटी मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि टाटा के साथ हमारी कभी कोई दुश्मनी नहीं थी, न ही हमने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी।
वे इस देश के सबसे सम्मानित और सबसे बड़े व्यापारिक घरानों में से एक हैं। आप टाटा को (सिंगूर के लिए) दोष नहीं दे सकते।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी ने साक्षात्कार में बताया कि समस्या वाम मोर्चा सरकार और उसकी जबरन भूमि अधिग्रहण नीति के चलते थी।
टाटा समूह का हमेशा बंगाल में आने और निवेश करने के लिए स्वागत है। उन्होंने कहा कि टाटा समूह एक बार फिर राज्य निवेश के लिए आगे आ सकता है।उसके साथ बड़े निवेश के लिए बातचीत चल रही है।
उद्योग मंत्री ने रोजगार सृजन को टीएमसी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि रोजगार देने की क्षमता के आधार पर कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार चाहती है कि राज्य में कोई भी प्रमुख औद्योगिक घराना जल्द से जल्द दो बड़ी विनिर्माण इकाइयां स्थापित करे।
समूह के अधिकारियों से संपर्क
चटर्जी ने कहा कि टाटा समूह का हमेशा बंगाल में आने और निवेश करने के लिए स्वागत है। चटर्जी ने कहा कि नमक से इस्पात तक बनाने वाले कारोबारी समूह ने कोलकाता में अपने कार्यालयों के लिए एक और टाटा सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखाई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पहले ही टाटा मेटालिक्स, टीसीएस के अलावा एक टाटा सेंटर है। लेकिन अगर समूह विनिर्माण या अन्य क्षेत्रों में बड़े निवेश के साथ आने का इच्छुक है, तो राज्य में उनका स्वागत है।
चटर्जी ने कहा कि राज्य के आईटी सचिव ने हाल में बताया था कि समूह ने टाटा सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखाई है।

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार टाटा से बात करने के लिए अतिरिक्त कोशिश करेगी, चटर्जी ने कहा कि वे निवेश आकर्षित करने के लिए पहले ही समूह के अधिकारियों के संपर्क में हैं।

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