scriptनिगम के सामुदायिक भवनों में थर्मोकोल पर रोक | no use of thermocoals in all the community hall of kmc. | Patrika News

निगम के सामुदायिक भवनों में थर्मोकोल पर रोक

locationकोलकाताPublished: Jan 25, 2019 03:35:37 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

कोलकाता नगर निगम ने शहर के सभी सामुदायिक सभागारों में थर्मोकोल से बने सामानों के प्रयोग पर रोक लगा दी है। इस आशय की नोटिस सभी सामुदायिक भवनों पर चस्पा कर दी गई है।

Kolkata, Kolkata, West Bengal, India

निगम के सामुदायिक भवनों में थर्मोकोल पर रोक

पर्यावरण संरक्षण- प्रदूषण रोकने के लिए निगम का अहम फैसला

कोलकाता. कोलकाता नगर निगम ने शहर के सभी सामुदायिक सभागारों में थर्मोकोल से बने सामानों के प्रयोग पर रोक लगा दी है। इस आशय की नोटिस सभी सामुदायिक भवनों पर चस्पा कर दी गई है। भवन बुक करने वाले लोग अनुष्ठान में थर्माकोल के ग्लास, कटोरी व प्लेट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। भवनों के केयरटेकरों की जिम्मेदारी होगी कि वे कानून का पालन कराएं। नियमों का अनुकरण नहीं करने वाले ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बस्ती व पीएमयू विभाग के एमआईसी स्वपन समाद्दार ने कहा कि अनुष्ठानों में थर्माकोल का इस्तेमाल बढ़ गया है। किफायती होने के कारण इनका इस्तेमाल बढ़ा है। पर्यावरणविदों केअनुसार इसका इस्तेमाल पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसके बायोडिग्रेडबल न होने की वजह से पर्यावरणविद् इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहे हैं। इसलिए निगम ने यह फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि निगम के विभागीय अधिकारी समय-समय पर बुक किए गए कम्युनिटी हॉलों का जायजा लेंगे और अगर कहीं भी थर्मोकोल का इस्तेमाल पाया गया तो उक्त हॉल के केयरटेकर और हॉल को बुक करने वाले ग्राहक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

– क्यों नहीं करना चाहिए थर्माकॉल का इस्तेमाल :

पर्यावरणविदों के अनुसार प्लास्टिक की तरह ही थर्मोकोल भी इनबायोडिग्रेडेबल है। इसके छोटे छोटे टुकड़े जमीन, वायु और समुद्र को प्रदूषित करने का बड़ा कारण बन रहे हैं। जिससे मनुष्य ही नहीं बल्कि जानवरों के भी स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। थर्मोकोल पानी में घुलनशील नहीं होता। इसे बनाने में तेल, ग्रीस, सल्फाइट और अन्य कई रासायनिक उत्पादों जैसे लेड, मरकरी, आयरन और एल्युमिनियम का प्रयोग किया जाता है। थर्मोकोल नदियों और नालों को प्रदूषित करने के साथ अवरोध पैदा करते हैं। इसे जलाने के दौरान इससे पैदा होने वाला धुआं पूरे वायुमंडल को प्रदूषित करता है और ग्लोबल वार्मिंग बढाता है। इनमें भोजन को लंबे समय तक संग्रहित करना स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया जाता है।

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