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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव का नामांकन शुरू

locationकोलकाताPublished: Apr 02, 2018 10:21:03 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

पंचायतों के चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना सोमवार सुबह जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई।

kolkata west bengal
– बीडीओ कार्यालयों के समक्ष जुटे उम्मीदवार

– विपक्ष ने लगाया हिंसा व अराजकता का आरोप

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना सोमवार सुबह जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। समय के साथ- साथ जिलों में प्रखण्ड विकास अधिकारियों के कार्यालयों के बाहर विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार नामांकन का पर्चा भरने पहुंचे। नामांकन की अंतिम तिथि ९ अप्रेल है। राज्य के 20 जिलों में ग्राम पंचायत की 48,656, पंचायत समिति की 9217 और जिला परिषद की 825 सीटों के लिए तीन चरणों में 1,3 और 5 मई को वोट डाले जाएंगे। मतगणना 8 मई को होगी। विपक्ष कांग्रेस, वाममोर्चा और भाजपा ने राज्य में झड़प और तनाव के बीच नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने का आरोप लगाया है। बीरभूम के लाभपुर में नामांकन को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। घटना में दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोगघायल हुए हैं। इधर, पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासनिक तत्परता भी तेज हो गई है। राज्य सचिवालय नवान्न में सोमवार को विशेष सेल खोला गया है। चुनाव से संबंधित हर मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के साथ समन्वय रखना सेल का काम होगा। दूसरी ओर, राज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन केंद्रों की सुरक्षा को लेकर राज्य के एडीजे (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा के साथ बैठक की। सूत्रों ने बताया कि एडीजे के साथ बैठक के बाद राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त एके सिंह ने नामांकन केंद्रों की पर्याप्त सुरक्षा के लिए समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश भेजा है। नामांकन के वक्त गड़बड़ी की स्थिति में आयुक्त ने कलक्टर और महकमा शासक को यह निर्देश दिया है कि जरूरत पडऩे पर वे नामांकन परिसर में धारा 144 लागू कर सकते हैं। ताकि नामांकन की प्रक्रिया सुचारू रूप से सम्पन्न हो सके।
राज्य में अराजकता का माहौल- अधीर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि नामांकन के पहले दिन से ही राज्य में अराजकता और हिंसा का वातावरण है। जनता को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखने के लिए प्रशासन, पुलिस और तृणमूल कांग्रेस मिलकर साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रभाव वाले मुर्शिदाबाद और मालदह के अलावा अन्य जिलों में नामांकन केंद्र के बाहर तृणमूल कांग्रेस के लोग भीड़ जमाए हुए हैं। वे लोग विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र लेने व जमा देने में बाधा डाल रहे हैं।
विपक्ष को याद आ रहीं पूर्व निर्वाचन आयुक्त मीरा पांडे-
2013 के पंचायत चुनाव में सुर्खियों में रहीं तत्कालीन राज्य निर्वाचन आयुक्त मीरा पांडे विपक्ष को याद आ रही हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन की निगरानी में पंचायत चुनाव का मतलब सरकारी चुनाव होना है। वर्तमान निर्वाचन आयुक्त अक्षम तथा सरकार की कठपुतली हैं। अधीर के अनुसार मीरा पांडे ही थीं जो पंचायत चुनाव में केंद्रीय बल की मांग पर राज्य सरकार से लोहा लेते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थीं।
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