श्रीधर ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के खनन महानिदेशालय (डीजीएम) के निदेशक से बातचीत की और उनसे पूछा कि ऐसी झूठी खबर मीडिया में कैसे आई। डीजीएम के हवाले से सोनभद्र में 3300 टन सोना पाए जाने की खबर आई है। उन्होंने बताया कि जीएसआई भूमिगत खनिजों का पता लगा कर खान राज्य सरकार को सौंप देता है। एजेंसी ने सोनभद्र के 0.5 किलो मीटर के क्षेत्र में स्वर्ण अयस्क पाए जाने का पता लगाने का काम वर्ष 1988 से 2000 के बीच किया। उसके बाद खान उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी। अब राज्य सरकार वहां से अयस्क का खनन करेगी। जिसका जीएसआई से कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार की ओर से नई नीति लागू किए जाने के बाद एजेंसी ने सोनभद्र के सोने की खान से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर नवंबर 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है। इससे पहले एजेंसी केन्द्रीय खनन मंत्रालय के संबंधित प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट देता था।