scriptSonbhadra gold: 3300 टन नहीं यूपी के सोनभद्र से निकलेगा सिर्फ 160 किलो सोना | Not 3300 tons of gold, only 160 kg will come out of Sonbhadra in UP | Patrika News

Sonbhadra gold: 3300 टन नहीं यूपी के सोनभद्र से निकलेगा सिर्फ 160 किलो सोना

locationकोलकाताPublished: Feb 22, 2020 08:25:41 pm

Submitted by:

Manoj Singh

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र स्थित खान से 3300 टन सोना मिलने की मीडिया में आई खबर को सिरे से खारिज कर दिया। जीएसआई के महानिदेशक एम श्रीधर ने कहा कि सोनभद्र में सोने की खान से 3300 टन सोना मिलने की खबर बेबुनियाद और सच्चाई से परे है।

3300 टन नहीं यूपी के सोनभद्र से निकलेगा सिर्फ 160 किलो सोना

3300 टन नहीं यूपी के सोनभद्र से निकलेगा सिर्फ 160 किलो सोना

जीएसआई के महानिदेशक एम श्रीधर ने किया टनों सोना निकलने का खंडन
कहा, मीडिया आई खबर निराधार

कोलकाता
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र स्थित खान से 3300 टन सोना मिलने की मीडिया में आई खबर को सिरे से खारिज कर दिया। जीएसआई के महानिदेशक एम श्रीधर ने कहा कि सोनभद्र में सोने की खान से 3300 टन सोना मिलने की खबर बेबुनियाद और सच्चाई से परे है। वे इस दिन कोलकाता स्थित जीएसआई के मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सोनभद्र में सोने का अयस्क मिला है। अनुमान के मुताबिक वहां से 52806.25 टन सोना अयस्क मिल सकता है। वहां से प्रति टन 3.05 ग्राम के हिसाब से कुल 160 किलो ग्राम सोना निकल सकता है।
श्रीधर ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के खनन महानिदेशालय (डीजीएम) के निदेशक से बातचीत की और उनसे पूछा कि ऐसी झूठी खबर मीडिया में कैसे आई। डीजीएम के हवाले से सोनभद्र में 3300 टन सोना पाए जाने की खबर आई है। उन्होंने बताया कि जीएसआई भूमिगत खनिजों का पता लगा कर खान राज्य सरकार को सौंप देता है। एजेंसी ने सोनभद्र के 0.5 किलो मीटर के क्षेत्र में स्वर्ण अयस्क पाए जाने का पता लगाने का काम वर्ष 1988 से 2000 के बीच किया। उसके बाद खान उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी। अब राज्य सरकार वहां से अयस्क का खनन करेगी। जिसका जीएसआई से कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार की ओर से नई नीति लागू किए जाने के बाद एजेंसी ने सोनभद्र के सोने की खान से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर नवंबर 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है। इससे पहले एजेंसी केन्द्रीय खनन मंत्रालय के संबंधित प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट देता था।
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