उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष महुआ दास ने सफाई देते हुए कहा कि रुहाना के धर्म का उल्लेख करने के पीछे उनका कोई गलत मंशा नहीं था। वे एक लड़की के मेधा के बारे में जान कर वे भावुक हो गई थी और उन्होंने उसके धर्म का उल्लेख कर दिया।
सरकरा और तृणमूल में मतभेद
इस मामले को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और तृणमूल कांग्रेस के बयान में मतभेद उभरकर सामने आया। ब्रात्य बसु ने बीच बचाव करते हुए कहा कि उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष ने एक लड़की मेधा को देखकर भावना में बहकर उसके धर्म का जिक्र कर दिया। लेकिन तृणमूल विधायक तापस रॉय ने कहा कि छात्रा का धर्म बताकर परिचय करना गल हुआ है। ऐसा नहीं होना चाहिए था।
इसे इतना तूल देने की जरूरत नहीं
रूहाना सुल्ताना ने कहा कि वह खुद का परिचय एक छात्रा के रूप में देना पसंद करेंगी। लेकिन इसके लिए वे अपने उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष के खिलाफ कुछ भी नहीं कहेंगी। इसको लेकर इतना तूल देने की कोई बात नहीं है।
क्या कही थीं परिषद की अध्यक्ष
उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष महुआ दास ने गुरुवार को परीक्षा परिणाम घोषित करते हुए कहा था कि एक मुस्लिम लड़की ने टॉप किया है।
एआईएसए और शिक्षक संगठन ने किया प्रदर्शन
वामपंथी छात्र संगठन एआईएसओ और शिक्षक संगठन ‘टीचर्स यूनिटी फोरम’ ने शुक्रवार को इसके विरोध में उच्च शिक्षा परिषद के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन दिया और उच्च शिक्षा परिषद की अध्यक्ष के कार्यालय में प्रवेश करते समय नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग की गई।
उच्च शिक्षा परिषद न ले धर्मिक परिचय बताने की जिम्मेदारी- अधीर
बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुस्लिम छात्रा का सर्वोच्च अंक पाना कोई विरल घटना नहीं है। लेकिन जो लोग बार-बार यह कह रहे हैं कि मुस्लिम छात्रा प्रथम आई है, वे इसे लेकर इतने आश्चर्यचकित क्यों है? छात्रा किस धर्म से ताल्लुक रखती है, शिक्षा परिषद यह बताने की जिम्मेदारी न ले तो ज्यादा खुशी होगी। बहुत से लोगों का कहना है कि मुस्लिम छात्र- छात्राएं पहले भी बंगाल में अव्वल हुए हैं , लेकिन तब धर्म से उनका परिचय नहीं दिया जाता था। वे इसे राजनीति से ही जोड़कर देख रहे हैं।