कोलकाता

अब रेल पटरियों पर नहीं होगी हाथियों की मौत

पश्चिम बंगाल में रेल पटरियों से हाथियों को दूर रखने और हादसों को टालने के लिए रेलवे ने नायाब तरीका अपनाया है।

कोलकाताFeb 13, 2018 / 10:36 pm

Rabindra Rai

एनएफ रेलवे ने नायाब तरीका अपनाया
अब ऐसे उपकरण लगाने की कोशिश है जिनसे मधुमक्खियों के भिनभिनाने की आवाज निकलती रहे ताकि हाथी इन जगहों से दूर रहें
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में रेल पटरियों से हाथियों को दूर रखने और हादसों को टालने के लिए रेलवे ने नायाब तरीका अपनाया है। अब ऐसे उपकरण लगाने की कोशिश है जिनसे मधुमक्खियों के भिनभिनाने की आवाज निकलती रहे ताकि हाथी इन जगहों से दूर रहें। हाथियों के रेल पटरी पर मारे जाने की घटना को रोकने के लिए यह कवायद की जा रही है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि असम के रांगिया में सफलता के बाद एनएफआर ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरदुआर में यह कोशिश करने का निर्णय लिया गया है।
स्थानीय लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की
अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि मधुमक्खियों के भिनभिनाने की आवाज से हाथी दूर रहते हैं। उन्होंने बताया कि मधुमक्खियों से निकलने वाली आवाज इंटरनेट से डाउनलोड की जाती है और इसे ऐंप्लिफायर पर बजाया जाता है। इस आवाज से डरकर हाथी 600 मीटर दूर रहते हैं।
क्रॉसिंग स्थल -अहम स्थानों पर लगेंगे उपकरण
अधिकारी के मुताबिक यह उपकरण क्रॉसिंग स्थल और पटरियों से लगे महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए जा रहे हैं। एनएफआर के अन्तर्गत 27 हाथी गलियारे आते हैं। इन गलियारों में उत्तर बंगाल, पूर्वी बिहार और उत्तर पूर्व के क्षेत्र संलग्न हैं।
5 हाथियों की हुई थी मौत
अलीपुरदुआर संभाग के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि मध्य 2017 में रांगिया संभाग के गोलपाड़ा में पायलट परियोजना के तहत उपकरण लगाए जाने के बाद ट्रेन हादसे में एक भी हाथी की जान नहीं गई है। बता दें कि पिछले सप्ताह असम में लमदिंग सुरक्षित वन क्षेत्र के समीप हवाईपुर में एक ट्रेन से टकराकर पटरियों के पास 5 हाथी मारे गए थे।

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