दक्षिण २४ परगना के रुद्रनगर में कृषि मेले का आगाज करते हुए ममता ने कहा कि इलाहाबाद के ऐतिहासिक कुम्भ मेले की तरह गंगासागर मेले को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने गंगासागर क्षेत्र का व्यापक विकास का दावा करते हुए कहा कि नदी पर पुल बन जाने से भविष्य में पुण्यार्थी सब तीरथ एक बार और गंगासागर बार बार आने को इच्छुक होंगे।
श्रद्धालु सीधे कोलकाता से वाहन से गंगासागर पहुंच जाएंगे। उनको लॉंच से नदी पार करने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गंगासागर में घाटों की मरम्मत तथा १०० करोड़ की लागत से सागर क्षेत्र के २४ प्रमुख सडक़ें बनवाई गई। हर साल मकर संक्रांति पर बिहार, उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में पुण्यार्थी गंगासागर आते हैं। कोलकाता से बस, काकद्वीप से लांच पार कर फिर करीब एक घंटे बस की यात्रा के बाद लोग मेला क्षेत्र में पहुंचते थे।
बदले हालात
मुड़ीगंगा घाटों की मरम्मत व जेटियों का निर्माण, कपिलमुनि मंदिर का जीर्णोद्धार, पुण्यार्थियों के ठहरने के लिए शेड बनवाने के अलावा शुद्ध पेयजल व सागर तट पर बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त की गई। गत छह साल में गंगासागर का हाल बदल गया है। केवल गंगासागर ही नहीं बल्कि दीघा, तराई-डुआर्स में भी काया पलट हुई है।
केंद्र पर निशाना
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के विकास में केंद्र का सहयोग नहीं मिलता। बल्कि वाममोर्चा सरकार के कार्यकाल में लिए कर्ज का ब्याज के रूप में ४०,००० करोड़ रुपए सालाना चुकाना पड़ रहा है। बावजूद इसके उनकी सरकार विकास कार्य को बढ़ावा दे रही है।
कोलकाता-गंगासागर हेलीकॉप्टर सेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सागर-संगम तीर्थ के अलावा पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। सरकार कोलकाता-गंगासागर के बीच हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी है। गंगासागर में एक नया मंदिर भी बनाने की सरकार की योजना है।