सांसद चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि यदि केंद्र और भाजपा में हिम्मत है तो वह असम को छोड़ दूसरे राज्यों में एनआरसी लागू करे। कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि पार्टी एनआरसी के विरूद्ध नहीं है। 1985 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने केवल असम के संदर्भ में ही एनआरसी की बात कही थी। असम को छोड़ कहीं भी एनआरसी नहीं हो सकता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनआरसी को लेकर केंद्र यदि गंभीर है तो भाजपा शासित राज्यों से इसे शुरू कर दिखाए।