scriptएनआरसी: भाजपा-तृणमूल के खिलाफ उतरेगी कांग्रेस | NRC: West Bengal Congress will agitate against TMC-BJP | Patrika News

एनआरसी: भाजपा-तृणमूल के खिलाफ उतरेगी कांग्रेस

locationकोलकाताPublished: Aug 12, 2018 10:15:09 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

एनआरसी को लेकर भाजपा और तृणमूल की अवसरवादी राजनीति के खिलाफ और राज्य में लोकतंत्र बहाल करने की मांग पर प्रदेश कांग्रेस आंदोलन करेगी।

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एनआरसी: भाजपा-तृणमूल के खिलाफ उतरेगी कांग्रेस

– 4 अक्टूबर को धर्मतल्ला में होगा आंदोलन
– प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर ने की घोषणा

कोलकाता.

एनआरसी को लेकर भाजपा और तृणमूल की अवसरवादी राजनीति के खिलाफ और राज्य में लोकतंत्र बहाल करने की मांग पर प्रदेश कांग्रेस आंदोलन करेगी। दोनों पार्टियां समाज को बांटने में लगी है। एनआरसी के नाम पर लोगों में भय और आतंक फैलाया जा रहा है। इसके खिलाफ पार्टी 4 अक्टूबर को धर्मतल्ला के रानी रासमणि एवेन्यू में आंदोलन करेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि एनआरसी को हथियार बना कर भाजपा एक तरफ हिन्दू भावनाओं को अपने पक्ष में भडक़ा रही है वहीं तृणमूल कांग्रेस बांग्लाभाषी लोगों को भडक़ा रही हैं। प्रदेश कांग्रेस भाजपा की साम्प्रदायिकता और तृणमूल की अलगाववादी राजनीति के खिलाफ जनता के बीच जाएगी। पश्चिम बंगाल में धर्म निरपेक्षता का वातावरण कायम करने तथा लोकतंत्र स्थापित करना पार्टी का लक्ष्य है। अधीर ने कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस राज्य की जनता को भ्रमित कर रही है। सोची समझी साजिश के तहत बंगाल के लोगों को बांटा जा रहा है। एनआरसी के नाम पर विभाजन की राजनीति का कांग्रेस मूकदर्शक नहीं रहेगी। कोलकाता में प्रस्तावित आंदोलन मंच से कांग्रेस जनता को एकजुटता के साथ मुकाबला करने का संदेश देगी। अधीर ने कहा कि केंद्र में भाजपा और राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार जनता के लिए अक्षम सरकार साबित हो चुकी है। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए दोनों एनआरसी को हथियार बना रही है। एनआरसी की सच्चाई से इन्हें परहेज हो रहा है। कांग्रेस इस सच्चाई को लेकर जनता के बीच जाएगी।
सांसद चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि यदि केंद्र और भाजपा में हिम्मत है तो वह असम को छोड़ दूसरे राज्यों में एनआरसी लागू करे। कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि पार्टी एनआरसी के विरूद्ध नहीं है। 1985 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने केवल असम के संदर्भ में ही एनआरसी की बात कही थी। असम को छोड़ कहीं भी एनआरसी नहीं हो सकता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनआरसी को लेकर केंद्र यदि गंभीर है तो भाजपा शासित राज्यों से इसे शुरू कर दिखाए।
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