इस संदर्भ में प्रदेश भाजपा आईटी सेल के प्रमुख उज्जवल शेख ने बताया किपार्टी की ओर से इस तरह की कोई शिकायत नहीं की गई है। शिकायत करने का सवाल ही नहीं उठता। माकपा को ऐसा क्यों लगा कि भाजपा के आईटी सेल ने ही उनके नेता के ट्वीटर के खिलाफ शिकायत की है, यह माकपा नेता ही बता सकते हैं। उज्जवल ने कहा कि भाजपा का आईटी सेल के किसी भी व्यक्ति ने सलीम के ट्वीटर हैंडल के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं की है।
पूर्व सीएम ज्योति बसु ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के दौरान भाजपा को ‘बर्बर और असभ्य कहा था। सलीम ने ट्वीटर पर बसु के उन शब्दों के हवाले से लिखा कि “हमने रामकृष्ण और विवेकानंद के आदर्शों से जुड़ी वाणी को भी पढ़ा है। उन महापुरुषों ने कभी यह नहीं कहा कि यदि आप अपने धर्म से प्यार करते हैं, तो दूसरे धर्म के लोगों को चोट पहुंचाओ। पश्चिम बंगाल के लोगों को बर्बरता और असभ्यता के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध के स्वर उठाने चाहिए।”
भाजपा को कटघरे में लाया:
पूर्व सांसद सलीम ने पत्रिका को बताया कि शनिवार सुबह जब उन्होंने ट्वीट करना चाहा तो पाया कि उनका अकाउंट बंद कर दिया गया है। उन्होंने इसके लिए सीधे भाजपा को कटघरे में लाया है। सलीम ने कहा कि मुर्शिदाबाद के जियागंज में तिहरे हत्याकाण्ड को लेकर सोशल नेटवर्क पर जब वे लोग (भाजपा) घिनौना प्रचार कर रहे हैं, वीडियो बनाकर लोगों में भ्रम फैला रहे हैं तब राज्य सरकार का आईटी सेल हाथ पर हाथ धरे बैठा है।