कभी धर्म को अफीम बताया, अब मां दुर्गा की शरण में
कोलकाताPublished: Oct 07, 2019 07:59:58 pm
कभी धर्म को अफीम करार देने वाले माकपा के सबसे बड़े नेता ने अब दुर्गा पूजा को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। उनकी इस टिप्पणी को लेकर बड़ा सवाल पैदा हो गया है। लोगों ने यहां तक कहना शुरू कर दिआ है कि उनकी पार्टी जब पश्चिम बंगाल में अस्तित्व खो चुकी है तब उन्हें मां दुर्गा की याद आने लगी है।
कभी धर्म को अफीम बताया, अब मां दुर्गा की शरण में
कोलकाता. कभी धर्म को अफीम करार देने वाले माकपा केसबसे बड़े नेता ने अब दुर्गा पूजा को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। उनकी इस टिप्पणी को लेकर बड़ा सवाल पैदा हो गया है। लोगों ने यहां तक कहना शुरू कर दिआ है कि उनकी पार्टी जब पश्चिम बंगाल में अस्तित्व खो चुकी है तब उन्हें मां दुर्गा की याद आने लगी है। यह माकपा नेता कोई और नहीं , बल्कि माकपा महा सचिव सीतराम येचुरी है। कभी धर्म को लोगों के जीवन में सबसे अनुपयोगी बताने वाले येचुरी ने अष्टमी के दिन नवमी और दशमी की शुभकामनाएं दी थी। इसके बाद से लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं। रविवार को येचुरी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि महानवमी, दशहरा और विजयादशमी के त्योहारों की सभी को बधाई। बुराई पर अच्छाई की जीत हो। इसके बाद सोमवार तक हजारों लोगों ने उनके ट्वीट को रिट्वीट कर कमैंट्स और आलोचनाएं करना शुरू किया है। एक यूजर ने लिखा कि कॉमरेड येचुरी मैं वास्तव में सदमे में हूं। लेनिन, स्टालिन और मार्क्स की आत्माएं आज क्या कहेंगी? सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि धर्मनिरपेक्ष सबसे अधिक मुश्किल में पड़ गए होंगे।
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हो रहे हिन्दू धर्म की ओर आकर्षित
एक दूसरे यूजऱ में लिखा कि सीताराम येचुरी अच्छी बात है कि आप अब हिंदू धर्म की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आखिर सबको आना यहीं है लेकिन आपको याद रखना होगा कि दुर्गा अष्टमी को नवमी की शुभकामनाएं नहीं दी जाती। दशमी और विजयदशमी दुर्गा पूजा बीत जाने के बाद जब मूर्तियों का विसर्जन हो जाता है तब मनाया जाता है। अभी जबकि मूर्तियां विभिन्न घरों और पूजा पंडालों में हैं, तब यह विजय की शुभकामना नहीं दी जाती।
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इसलिए कर रहेप्रायश्चित
एक अन्य यूजर ने लिखा कि विजयदशमी तो रावण जैसे महा राक्षस के वध के बाद मां सीता की मुक्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वामपंथियों को तो रामायण पर भरोसा ही नहीं है। फिर इस ट्वीट का क्या मतलब है? क्या बंगाल के लोगों ने आपको खत्म कर आईना दिखाया है इसलिए प्रायश्चित कर रहे हैं?
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पहले भी विवाद
सीताराम येचुरी ने कुछ महीने पहले बयान दिया था कि रामायण और महाभारत भी लड़ाई और हिंसा से भरी हुई थीं। उनके इस बयान की हिंदू संगठनों ने कड़ी निंदा की थी। उनको अच्छी तरह से रामायण और महाभारत पढऩे की नसीहत दी थी।