इसके चर्चे पुरे पांडुआ क्षेत्र में हो रहे हैं। पांडुआ के कुंतल ने पेरिस की प्रेट्रिसिया के संग शिमलागढ़ के काली मंदिर में विवाह रचाया। युवती ने वाराणसी साड़ी पहनी, हाथ मे मेंहदी लगाई और साखा, पोला पहना। कुंतल भट्टाचार्य पांडुआ थाना अंतर्गत शारदा पल्ली का स्थानीय निवासी है।
कुंतल ने बताया इंटरनेशनल डेटिंग साइट पर दोनों का परिचय हुआ था। चैटिंग होते-होते प्रेम हो गया। बात करने में असुविधा होती थी लेकिन गूगल ट्रांसलेट के जरिए बातें हो जाती थी। कुंतल दिल्ली में काम करता है। वह छुट्टी लेकर अपने घर आया था।
इसी बीच एक दिन अचानक युवती का फोन आया कि बेबी आई एम इन दिल्ली। युवती के प्रेम में दीवाना कुंतल कोलकाता से फ्लाइट पकड़ कर दिल्ली पंहुचा। कुंतल ने एयरपोर्ट पर जा कर उसे रिसीव किया। इसके बाद शादी से पहले कोलकाता, मायापुर सहित अन्य स्थलों पर घूम घूमकर एक दूसरे को समझा।
प्रेट्रिसिया को मंदिर पसन्द है इसलिए उसने मंदिर में माला पहना और कुंतल ने सिंदूर लगाया और 7 फेरे लेकर विवाह सूत्र में बंध गए। दोनों ने हनीमून के लिए दीघा और गोवा जाने की इच्छा जाहिर की। हालाँकि विवाह के दौरान किसी के परिजन उपस्थित नहीं थे।