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बंगाल में रोजगार के एक लाख अवसर, जानें विस्तार से…

locationकोलकाताPublished: Sep 11, 2019 08:48:06 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बहुप्रतीक्षित कोल ब्लॉक देवचा पचामी योजना में एक लाख लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।

बंगाल में रोजगार के एक लाख अवसर, जानें विस्तार से...

बंगाल में रोजगार के एक लाख अवसर, जानें विस्तार से…

कोलकाता.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बहुप्रतीक्षित कोल ब्लॉक देवचा पचामी योजना में एक लाख लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। इससे ना केवल देश में कोयले की कमी दूर होगी बल्कि राज्य की अर्थ व्यवस्था भी मजबूत होगी। बीरभूम, बर्दवान, हुगली सहित जंगलमहल के जिलों पर इसका अनुकूल असर पड़ेगा। राज्य के राज्य सचिवालय नवान्न में बुधवार को संवाददाता सम्मलेन कर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने देवचा पचामी कोल ब्लॉक में खनन को हरी झंडी दे दी है। राज्य सरकार को वर्षों से इसका इंतजार था। अगले सप्ताह इसे लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर होना है।
12 हजार करोड़ की आएगी लागतः
ममता ने कहा कि देवचा पचामी योजना का काम पूरा होने में प्रथम चरण में 12,000 करोड़ की लागत आऩे की संभावना है। दूसरे चरण में यह खर्च और बढ़ सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस काम को लेकर कोई जल्दबाजी में नहीं है।
मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनी उच्च स्तरीय कमेटीः
मुख्यमंत्री ने देवचा पचामी खदान में काम शुरू करने से पहले विश्व के अनुभवी लोगों को लाकर यहां समीक्षा कराएगी। इसके बाद ही कोयला खनन का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव मलय कुमार दे के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है। राज्य सरकार ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभाग को 100 करोड़ रुपए का फण्ड तैयार रखने को कहा है। योजना का काम पूरा होने पर पश्चिम बंगाल को करीब 100 साल तक कोयले की चिंता नहीं होगी। इसके पश्चात् पश्चिम बंगाल कोयला हब के नाम से फिर जाना जाएगा।
लोगों का पुनर्वासन से पहले खनन नहींः
ममता ने कहा कि बीरभूम जिले में करीब 11,222 एकड़ जमीन पर फैला देवचा पचामी कोल ब्लॉक में खनन का काम शुरू करने में और 5 साल का वक्त लगेगा। जमीन के भीतर पत्थर की परतें काटने के बाद ही कोयला निकालना संभव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त इलाके में करीब 4000 लोगों की बस्ती है। उन लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था किए बगैर राज्य सरकार खनन का काम मेें हाथ नहीं लगाएगी।

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