scriptजादवपुर रिसर्च स्कॉलर होस्टल में नशे में चूर बाहरी लोगों ने की तोडफ़ोड़ | Outbreaks of drunken outsiders at Jadavpur Research Scholar Hostel | Patrika News

जादवपुर रिसर्च स्कॉलर होस्टल में नशे में चूर बाहरी लोगों ने की तोडफ़ोड़

locationकोलकाताPublished: Jun 19, 2019 04:16:41 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

– जादवपुर रिसर्च स्कॉलर होस्टल में सोमवार की रात को बाहरी लोगों ने तोडफ़ोड़ करते हुए होस्टल में रहनेवाले छात्रों पर हमला किया। इसके विरोध में मंगलवार को होस्टल के छात्रों ने प्रदर्शन किया और प्रबंधक से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की।

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जादवपुर रिसर्च स्कॉलर होस्टल में नशे में चूर बाहरी लोगों ने की तोडफ़ोड़

कोलकाता. जादवपुर रिसर्च स्कॉलर होस्टल में सोमवार की रात को बाहरी लोगों ने तोडफ़ोड़ करते हुए होस्टल में रहनेवाले छात्रों पर हमला किया। इसके विरोध में मंगलवार को होस्टल के छात्रों ने प्रदर्शन किया और प्रबंधक से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। यह भी मांग की गई कि हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही डीन ऑफ स्टूडेंट्स के पास पूरे घटना का विवरण लिखित रूप से जमा भी किया गया।

पीडि़त छात्रों के अनुसार विगत कई वर्षों से होस्टल के आवासीय क्षेत्र में कुछ बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। वे अपने परिचित के साथ होस्टल में आते हैं और शराब पीकर हंगामा मचाते हैं। छात्रों के अनुसार वर्षों से चल रहे इस सिलसिले को लेकर जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रबंधन के पास कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

सूत्रों का कहना है कि सोमवार की रात जब बाहरी लोग होस्टल में प्रवेश कर शराब पीकर हंगामा कर रहे थे और भद्दी-भद्दी टिप्पणियां कर रहे थे, तो कई छात्रों ने उनका विरोध किया। छात्रों के अनुसार विरोध के बाद ही नशे में चूर लोगों ने उन पर हमला कर दिया। साथ ही उनके कई कमरों में तोड़-फोड़ की। उनके किताब-कॉपियों को भी क्षति पहुंचाई गई। जिसके बाद छात्रों ने लोगों को इकट्ठा करना शुरू किया, तो हमलावर वहां से भाग गए।

मंगलवार की सुबह इसके विरोध में जब छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया, तो विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से उन्हें कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया गया है। प्रबंधन के अनुसार यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि होस्टल क्षेत्र में बाहरी लोगों को कौन प्रवेश कराता था? इसका पता चलते ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इन सबके बावजूद जो सवाल खड़ा होता है वह यह है कि आवासीय क्षेत्र में सुरक्षा कर्मी के रहने के बावजूद सालों से बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक क्यों नहीं लग रही थी?

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