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रिजर्व बैंक को कब्जे में लेने की कोशिश में केंद्र- चिदम्बरम

locationकोलकाताPublished: Nov 08, 2018 09:11:47 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने गुरुवार को दावा किया कि राजकोषीय घाटे से उबरने के लिए केन्द्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक को अपनी मुठ्ठी में लेने की कोशिश कर रही है।

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रिजर्व बैंक को कब्जे में लेने की कोशिश में केंद्र- चिदम्बरम

रिजर्व बैंक को कब्जे में लेने की कोशिश में केंद्र- चिदम्बरम

– नोटबंदी से देश का आर्थिक ढांचा चरमराया
कोलकाता.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने गुरुवार को दावा किया कि राजकोषीय घाटे से उबरने के लिए केन्द्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक को अपनी मुठ्ठी में लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो भारी मुसीबत खड़ी हो सकती है। नोटबंदी के दो साल पूरे होने के अवसर पर उन्होंने यहां भाजपा नीत एनडीए सरकार पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के गलत फैसले के कारण देश में आर्थिक आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। देश का आर्थिक ढांचा चरमरा गया है। समय के साथ साथ नोटबंदी का घाव क्रमश: स्पष्ट होता जा रहा है। देश में जहां नए सिरे से लोगों को रोजगार नहीं मिले वहीं आमलोगों की आर्थिक अवस्था भी बिगड़ गई है। केंद्र ने मनी लॉन्डरिंग के धंधे को वैध कर दिया। कोलकाता में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय विधान भवन में संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए चिदम्बरम ने कहा कि नोटबंदी के कारण बड़ी मात्रा में बैंक नोटों को विदेशों में भेजा गया। केंद्र सरकार विदेशों से कालाधन लाने में पूर्ण रूप से विफल साबित हुई है। नोटबंदी के कारण बाजार में नकली बैंक नोटों की भरमार हो गया। राजस्व घाटे की सीमा बढ़ती जा रही है। जीएसटी संग्रह उम्मीद से कम है। प्रत्यक्ष कर वसूली बजट आकलन से काफी दूर है। केंद्र सरकार 2018-19 में 3.3 फीसदी वित्तीय घाटे के लक्ष्य का सामना नहीं कर सकेगी। यही कारण है कि केंद्र ने रिजर्व बैंक से एक लाख करोड़ रुपए सरकारी खजाने में जमा करने का दबाव बना रही है। सरकार आरबीआई की धारा 7 के तहत ऐसा कर रही है। चिदम्बरम ने कहा कि ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक के पास मात्र दो विकल्प हैं। चाहे वह केंद्र की मांगों के अनुसार उक्त राशि को सरकार के खाते में ट्रांसफर करे या फिर पद छोड़ दे। चिदम्बरम ने कहा कि इससे पहले कभी भी केंद्र और आरबीआई के बीच नहीं ठनी। इससे रिजर्व बैंक की मर्यादा पर आंच आई है।
करीब 4 लाख करोड़ नहीं लौटे-
पूर्व वित्त मंत्री चिदम्बरम ने कहा कि नोटबंदी के दौरान एक भी बैंक नोट बेकार नहीं हुआ। व्यावहारिक तौर पर नोटबंदी के बाद एक-एक रुपया बैंकों के काउंटरों से बदला गया। बावजूद इसके 99.30 फीसदी नोट ही रिजर्व बैंक के पास वापस अएा। इससे यह साबित हुआ कि सरकार ने कालेधन के धंधे को वैध कर दिया।
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