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370 पर क्या बदली लोगों की धारणा, जानें हकीकत

locationकोलकाताPublished: Aug 13, 2019 05:18:40 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

युवक ने किया अनोखा एक्सपेरिमेंट, चौंकाने वाले नतीजे सामने आए, 14 अगस्त को सोशल साइट पर अपलोड, कोलकाता की सडक़ों पर पाकिस्तानी छात्र को थप्पड़ मारने के बजाय लोगों ने गले लगाया

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370 पर क्या बदली लोगों की धारणा, जानें हकीकत

कोलकाता. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लोगों के मन की धारणा समझने के लिए एक युवक ने इस शहर में अनोखा एक्सपेरिमेंट किया । इसका चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। उक्त युवक 14 अगस्त को इस सिलसिले में अपने वोडियो को सोशल साइट पर अपलोड करेगा। युवक ने काफी संजीदगी से यह एक्सपेरिमेंट किया है। ….मैं पाकिस्तान से हूं, प्लीज मुझे तमाचा मारिए या गले लगाइए। कोलकाता की सडक़ों पर इस वाक्य से लिखे बैनर हाथ में लिए खड़े पाकिस्तानी छात्र को थप्पड़ मारने के बजाय लोगों ने गले लगाया। दरअसल भांगड़ कॉलेज का बीए फस्र्ट ईयर का छात्र आरिफुद्दीन मोल्ला ने अपने अनोखे एक्सपेरिमेंट (पाकिस्तान को लेकर जनता की धारणा को समझना) के तहत जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लोगों के मन की धारणा समझना चाहता था। इसके तहत उसने यह अनोखा प्रयोग किया। उसने सोशल मीडिया एक्सपेरिमेंट के जरिए पाकिस्तान के लोगों के प्रति अवधारणा जानने की कोशिश की और 8 घंटे के दौरान लोगों ने न केवल उसे गले लगाया बल्कि उसे एक भी तमाचा नहीं पड़ा। यूट्यूबर आरिफुद्दीन यह जानने की कोशिश कर रहा था कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने के भारत सरकार के फैसले के बाद लोगों के मन में पाकिस्तान को लेकर आवधारणा में कोई बदलाव आया है या नहीं? 19 वर्षीय आरिफुद्दीन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार के फैसले को व्यापक जनसमर्थन मिला, इसलिए उसने यह जानने की कोशिश की कि क्या इसके बाद पाकिस्तानी लोगों के प्रति अवधारणा में भी बदलाव आया या नहीं? इसके तहत आरिफ ने हाथ से पोस्टर बनाया और पोस्टर लेकर दक्षिण एवेन्यू के समीप ढाकुरिया लेक के प्रवेश द्वार पर दोपहर 12 से रात 8 बजे तक हाथ में पोस्टर लिए खड़ा रहा। करीब ८ घंटे तक वह खड़ा रहा और उसके सहयोगी सुजाउददौला ने वीडियो शूट किया।
—14 अगस्त को अपलोड होगा वीडियो
आरिफुद्दीन यूट्यूब चैनल द फंकी एक्सप्रेस चलाता है और स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले शाम को वह अपने चैनल में इस वीडियो को अपलोड करेगा। यह यूट्यूब चैनल आरिफ और उसका सहयोगी सुजाउददौला मिलकर चलाते हैं। आरिफ ने कहा कि उसने आखिरकार यहीं महसूस किया कि लोगों में पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर कोई शत्रुता नहीं है। इस फैसले को बड़े पैमाने पर समर्थन मिला। उसने बताया कि कई लोग शुरू में पास आने से कतरा रहे थे। कुछ लोग आए और गले मिलकर पूछे कि मैं कहां से हूं, जिस पर मेरा जवाब लाहौर होता था। वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे, जो मदद करने के मकसद से विस्तृत जानकारी मांगने लगे। ऐसे लोगों से उसने अपने मकसद के बारे में बता दिया। आरिफुद्दीन ने बताया कि उसके लिए यह वाकई मजेदार अनुभव रहा। थप्पड़ पडऩे, पुलिस को बुलाए जाने जैसी स्थितियों के लिए भी पूरी तरह तैयार था, हालांकि ऐसी किसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। उसने कहा कि इस प्रयोग का मकसद दोनों देशों के नागरिकों को केवल यह समझाना था कि राजनीतिक परिस्थितियां चाहे जो भी हो, आपस में प्यार बना रहना चाहिए।
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