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शहर में गांव से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हुए लोग

locationकोलकाताPublished: May 25, 2020 10:24:48 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के विस्तृत इलाके में बिजली आपूर्ति, इंटरनेट सेवा बहाल नहीं होने से लोग परेशान हैं। जरूरी सेवाओं की बहाली के लिए लोग रोज विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और बिजली वितरण कंपनियों आदि के अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी ने भी नेटवर्क ठीक करने की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है।

शहर में गांव से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हुए लोग

शहर में गांव से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हुए लोग

प्रशासन और एजेंसियों में समन्वय की कमी से काम धीमा
लोग बोले, 5 दिनों से ठीक से न सोया और न नहाया
कोलकाता. चक्रवात अम्फान के गुजर जाने के 5 दिनों के बाद भी शहर के कई हिस्सों में बिजली और जल आपूर्ति बाधित है। कोलकाता, साल्टलेक, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के विस्तृत इलाके में बिजली आपूर्ति, इंटरनेट सेवा बहाल नहीं होने से लोग परेशान हैं। जरूरी सेवाओं की बहाली के लिए लोग रोज विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और बिजली वितरण कंपनियों आदि के अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी ने भी नेटवर्क ठीक करने की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से धैर्य रखने की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन पानी और बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। राज्य के दक्षिण और उत्तर २४ परगना समेत 7-8 जिलों में तूफान से सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। चक्रवात से 86 लोगों की मौत हो गई है। बड़ी संख्या में मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। फसलें बर्बाद हो गई है। जहां अब तक पानी बिजली बहाल हो गई है, वहां के लोगों ने राहत की सांस जरूर ली है, पर ५ दिनों तक लोग गांव से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हुए हैं। पानी के लिए लोगों को दर दर भटकते देखा गया। कुएं से भी पानी भरते देखा गया। ऐसा लगा रहा था कि पूरा शहर पानी के लिए परेशान है। पत्रिका से बातचीत करते हुए कई लोगों ने दावा किया कि बिजली और पानी नहीं होने से गर्मी के इस मौसम में न तो ठीक से नहा सके और न सो सके।

दूरसंचार कंपनियों के दावे
बीएसएनएल के कोलकाता सर्किल में 1,860 टावरों में से लगभग 800 टावर अब भी खराब हैं। कंपनी का दावा है कि जल्द सेवा बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। रिलायंस जियो ने कहा कि उसने कुल कवरेज का 70 प्रतिशत वापस बहाल कर लिया है। वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने उनके नेटवर्क के बारे में पूछे गए सवालों के अभी जवाब नहीं दिए हैं। एक दूरसंचार अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं को सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।

बिजली आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद
सीईएससी के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार तक बिजली आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद है। काम जोरों पर चल रहा है। कोलकाता और आसपास सीईएससी के करीब ३३ लाख उपभोक्ता हैं। तूफान के चलते १० लाख से ज्यादा उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं।

इनका कहना है
तूफान से प्रदेश की 60 फीसदी आबादी प्रभावित हुई है। लगभग डेढ़ करोड़ लोग सीधे प्रभावित हुए हैं और 10 लाख मकान नष्ट हो गए हैं। यह संकट का समय है। लोगों को धैर्य रखना चाहिए और इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री

चक्रवात के आए 5 दिन गुजर गए, लेकिन राज्य सरकार संकट में फंसे लोगों तक पहुंचने में नाकाम रही है। तृणमूल कांग्रेस सरकार को संकट की इस घड़ी में तुच्छ राजनीति नहीं करनी चाहिए। जल्द से जल्द लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए।
दिलीप घोष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

आग लगने पर कुआं खोदने की स्थिति से निकलने की जरूरत है। आमतौर पर जब भी कोई बड़ी आपदा आती है, प्रशासन असहाय नजर आता है। कभी संसाधनों की कमी तो कभी कुछ बहाना बनाया जाता है। दृढ़ इच्छाशक्ति के सहारे ऐसी आपदा से भी निपटा जा सकता है।
डॉ. प्रवीण कुमार, पूर्व विधायक, माकपा

चक्रवाती तूफान का कहर
१ लाख करोड़ का नुकसान
१.३६ करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित
१०.५ लाख घर तबाह
८० लाख लोग बेघर

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