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जानिए क्यों पीएम मोदी ने दिया मतदाताओं को गांधीगिरि का फंडा

locationकोलकाताPublished: May 06, 2019 06:00:29 pm

Submitted by:

Manoj Singh

दिया चुपाचाप कमल छाप और बूथे-बूथे तृणमूल साफ का नारा

Kolkata West Bengal

पीएम मोदी ने बंगाल के मतदाताओं को दिया गांधीगिरी का फंडा

कोलकाता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मतदाताओं को मतदान के दौरान गांधीगिरी अपनाने का फंडा दिया। पांचवे चरण के मतदान में निर्भय हो कर हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की हिंसा से बचने के लिए मतदाताओं को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फंडा अपनाने की सलाह दी और तृणमूल को लोकसभा के 10 सीट भी नहीं मिलने का दावा भी किया।
इस दिन पश्चिम बंगाल के हल्दिया और झाडग़्रम की रैलियों में पीएम मोदी ने राज्य के मतदाताओं को बिना किसी शोर-गुल किए बगैर तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा को वोट देने का आग्रह करते हुए चुपचाप कमल छाप का फंडा अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस बार चुपचाप कमल छाप में वोट कीजिए।
करीब 12 साल पहले तत्कालीन बंगाल की सत्ताधारी पार्टी माकपा के वर्चस्व और उसकी हिंसा से बचने के लिए ममता बनर्जी ने बंगाल के मतदाताओं को अपनी पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिए चुपचाप जोड़ा फूले छाप का मंत्र दिया था। लेकिन इस बार पीएम मोदी ने चुपचाप कमल छाप के साथ बूथे-बूथे तृणमूल कांग्रेस साफ का भी नारा जोड़ दिया है।
झाडग़्राम की रैली में पीएम मोदी ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा के 10 सीटे भी नहीं मिलने और अब राज्य में दीदी की धमकी नहीं चलने का भी दावा किया।
रैली में आए लोगों से पीएम मोदी ने कहा कि इस बार चुनाव आयोग ने प्रत्येक बूथ पर केन्द्रीय बल को तैनात किया है। बंगाल में दीदी की चम्की-धमकी वाला मॉडल नहीं चलेगा। अब यहां जनता की ही चलेगी। अब दीदी यहां की जनता से उनके वोट देने का अधिकार नहीं छिन सकती हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा देने का बाद नौकरी नहीं पाने वाले, तृणमूुल के गुण्डागर्दी और सिंडिकेट से नौकीर गवाने वाले और डीए नहीं पाने वाले बंगाल के लोग दीदी को लोकसभा के 10 सीट भी नहीं देंगे। वे किसी भी तरह 10 सीट पाने के लिए ब्याकुल हो गई है। वे अपना दिमागी संतुलन खो दी है और मन में जो आ रहा है उन्हें गालियां दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि ममता दीदी लोकतंत्र, जनता के फैसले और कानून से डरी हुई भी हैं। अगर दीदी को कानून, लोकतंत्र और जनता का डर है तो ये डर अच्छा है।

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