इससे नाराज पार्टी समर्थक बैरिकेड तोड़ आगे बढऩे लगे। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार की, आंसू गैस के गोले दागे जिसमें प्रदेश महासचिव राजू बनर्जी सहित दो पार्टी नेता अस्वस्थ हो गए।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में दोपहर एक बजे मध्य कोलकाता के सुबोध मल्लिक स्क्वायर से लालबाजार अभियान शुरू हुआ। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, पार्टी सांसद अर्जुन सिंह, एसएस अहलुवालिया, स्वपन दासगुप्ता, मुकुल राय और राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और पार्टी के विधायक सहित प्रदेश भाजपा के अन्य नेता इसमें शामिल हुए।
जय श्रीराम और ममता सरकार विरोधी नारे लगाते हुए पार्टी समर्थक बीबी गांगुली स्ट्रीट से होते हुए जैसे ही सेन्ट्रल मेट्रो रेलवे स्टेशन की ओर आगे बढ़े, पुलिस ने फियर्स लेन से पहले सभी को रोक दिया।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोडऩे की कोशिश की तो पुलिस ने पानी की बौछार शुरू कर दी और आंसू गैस के गोले दाग कर लोगों को तितर-बितर कर दिया।
आंसू गैस के गोले से भाजपा के प्रदेश महासचिव राजू बनर्जी, राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता और कुछ कार्यकर्ता अस्वस्थ हो गए।इसके अलावा पार्टी के अन्य दस कार्यकर्ता अस्वस्थ्य हुए हैें। इनमें महिला मोर्चा की छह सदस्य भी हैं।
करीब डेढ़ घंटे तक तनातनी के बाद पुलिस की ओर से सभी को गिरफ्तार करने और रिहा करने की घोषणा करने के बाद मामला शांत हुआ। फियर्स लेन के अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने आरएन मुखर्जी रोड और गणेश चंद्र एवेन्यू में भी बैरिकेड बना कर वाटर कैनन और तीन हजार पुलिस हजार पुलिसकर्मी तैनात थे।
कैलाश विजयवर्गीय, दिलीप घोष और राहुल सिन्हा ने पुलिस पर अनावश्यक आंसू गैस के गोले दागने और पानी की बौछार करने का आरोप लगाया। विजयवर्गीय ने कहा कि हम शान्तिपूर्वक लालबाजार अभियान कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने हमें सेन्ट्रल एवन्यू के पास ही रोक दिया। दिलीप घोष ने कहा कि वे पुलिस से लडऩे नहीं आए थे, बल्कि सरकार के निर्देश पर पुलिस की पक्षपातपूर्ण भूमिका के खिलाफ विरोध करने और यह बताने आए थे कि बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो रही है।