पुलिस सूत्रों के अनुसार बारासात में रहने वाले एक व्यक्ति ने थाने में तीन महीने पहले अपनी बेटी के लापता होने की सूचना दर्ज कराई थी। उसकी बेटी नाच सिखती थी। घरवालों की इच्छा के विरुद्ध एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वह गई थी। वहां से नहीं लौटी। इसके बाद लड़की ने फोन पर घरवालों को बताया कि वह मिदनापुर में है। घरवालों ने उसे लौट आने को कहा, पर वह नहीं लौटी। कुछ दिनों बाद उसने अपने घरवालों को बताया कि वह बिहार घूमने चली गई है। वह किसके साथ है, इसकी जानकारी नहीं दी। कुछ दिनों के बाद किशोरी को पता चला कि वह गिरोह के हाथों में फंस गई है और उसे बेचने की तैयारी की जा रही है। इसकी जानकारी उसने अपने घरवालों को दी। उसके घरवालों ने बारासात थाने में इसकी जानकारी दी। पुलिस तत्परता से बिहार पहुंची। बिहार के जगदीशपुर के आजादनगर मार्केट में किराए के मकान में पुलिस ने छापेमारी की। वहां जाने पर बारासात पुलिस हैरान हो गई, क्योंकि वहां बंगाल की ही अन्य चार किशोरियां थी। उनको भी बेचने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस के आने की जानकारी मिलते ही आरोपी वहां से फरार हो गए थे। पुलिस का अनुमान है कि कोई गिरोह है जो किशोरियों को वरगला कर बिहार ले जाता है और वहां उन्हें बेच देता है। पुलिस इस गिरोह के लोगों की पहचान करने में जुटी है।