scriptपश्चिम बंगाल के लिए ऋण पुनर्गठन व कर का हिस्सा बढ़ाए केंद्र | Politiacal parties demanded debt restructuring for west Bengal | Patrika News
कोलकाता

पश्चिम बंगाल के लिए ऋण पुनर्गठन व कर का हिस्सा बढ़ाए केंद्र

पश्चिम बंगाल के विकास में ऋण पुनर्गठन और वसूले गए कर में राज्यों का हिस्सा बढ़ाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और समस्त विपक्ष ने सुर से सुर मिलाया।

कोलकाताJul 16, 2018 / 10:11 pm

Prabhat Kumar Gupta

kolkata west bengal

ऋण पुनर्गठन व कर का हिस्सा बढ़ाए केंद्र

– 15 वें वित्त आयोग से सत्तापक्ष और विपक्ष ने की मांग
– नवान्न सभाघर में हुई बैठक

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल के विकास में ऋण पुनर्गठन और वसूले गए कर में राज्यों का हिस्सा बढ़ाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और समस्त विपक्ष (वाममोर्चा, कांग्रेस और भाजपा) ने सुर से सुर मिलाया। दोनों पक्षों ने 15 वें वित्त आयोग के साथ बैठक में यह मांग उठाई। राज्य की आर्थिक हालात की समीक्षा करने व राज्य की बात सुनने के उद्देश्य से आयोग की 16 सदस्यीय टीम ने सोमवार को राज्य सचिवालय नवान्न सभाघर में मैराथन बैठक की। पंचायत व ग्रामीण विकास, शहरी विकास तथा कई निकायों के चेयरमैन के अलावा वाममोर्चा की ओर से राज्य के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. असीम दासगुप्ता, अशोक भट्टाचार्य, सुभाष नस्कर, हफीज आलम सैरानी, कांग्रेस से विधायक नेपाल महतो व सौम्य राय तथा भाजपा की ओर से पंकज राय उपस्थित रहे। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद आयोग के चेयरमैन सिंह ने विभिन्न निकायों के चेयरमैन, जिला परिषद के अध्यक्षों के साथ बैठक की। सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा राज्य के पूर्व शहरी विकास तथा नगरपालिका मामलों के मंत्री अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि विकास की गति तेज करने के लिए स्थानीय निकायों की आमदनी बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करना होगा। उन्होंने स्थानीय प्रशासन (लोकल सेल्फ गवर्नमेन्ट)को और अधिक शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उनके अनुसार पश्चिम बंगाल में कॉसमेटिक डेवलपमेन्ट हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए आमलोगों की जरूरतों को काफी अहमियत देना जरूरी है।
केंद्रीय सहायता 50 फीसदी करना जरूरी-
राज्य के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. दासगुप्ता ने बताया कि विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं पर खर्च का भार केंद्र के मुकाबले राज्यों पर अधिक पड़ता है। वित्त वर्ष 2016-17 में केंद्र सरकार ने जहां विकास की मद में 8.5 लाख करोड़ खर्च किए वहीं राज्यों ने 19.8 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। केंद्र सरकार फिलहाल संयुक्त रूप से वसूले कर का 42 फीसदी राज्यों को देती है, उन्होंने इसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने की मांग की।
कर्ज का बोझ कम करने की अपील-
डॉ. दासगुप्ता ने बताया कि उन्होंने 15 वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन.के. सिंह का ध्यान पश्चिम बंगाल पर कर्ज के भारी बोझ की ओर आकर्षित किया। सत्तापक्ष और विपक्ष ने एक सुर में ऋण का बोझ कम करने एवं कर्ज का पुनर्गठन के पक्ष में अपनी बात कही। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि वाममोर्चा के कार्यकाल में राज्य पर एक लाख 92 हजार करोड़ का कर्ज था। इसका अधिकांश हिस्सा लघु बचत योजना का था, परंतु वर्तमान में लघु बचत योजना की दर काफी कम हो गई। इसलिए ऋण का पुनर्गठन जरूरी है।
बंगाल को विशेष पैकेज दे केंद्र सरकार-
वित्त आयोग की बैठक में उपस्थित कांग्रेस विधायक नेपाल महतो ने केंद्रीय कर में राज्य का हिस्सा बढ़ाने तथा कर्ज के बोझ से राज्य को बचाने के लिए पश्चिम बंगाल को ‘विशेष पैकेज’ देने की मांग की। महतो ने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए विशेष आर्थिक सहयोग करने तथा जंगलमहल के जिलों के लिए मिलने वाली विशेष सुविधा को फिर से बहाल करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए-1 और 2 सरकारों ने इसे काफी अहमियत के साथ चालू किया था।
भाजपा प्रतिनिधि पंकज राय केंद्रीय कर में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने पर सहमत हुए पर आर्थिक अनुशासन कायम रखने पर जोर दिया है। भाजपा प्रतिनिधि ने कहा कि वह भी चाहते हैं कि राज्यों से वसूले गए कर का 50 फीसदी हिस्सा वापस राज्यों को मिले। इस राशि का सदुपयोग हो इसकी गारंटी राज्यों को देना होगा।

Home / Kolkata / पश्चिम बंगाल के लिए ऋण पुनर्गठन व कर का हिस्सा बढ़ाए केंद्र

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो