कोलकाता

गोजमुमो नेता गुरुंग को लेकर राजनीति तेज

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग के राजग से नाता तोडऩे तथा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने की घोषणा पर राज्य की राजनीति तेज हो गई है। माकपा के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि गुरुंग और तृणमूल के बीच गोरखालैंड के मुद्दे पर क्या डील हुई है इसका खुलासा करना चाहिए।

कोलकाताOct 23, 2020 / 05:28 pm

Rabindra Rai

गोजमुमो नेता गुरुंग को लेकर राजनीति तेज

कोलकाता. सिलीगुड़ी. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग के राजग से नाता तोडऩे तथा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने की घोषणा पर राज्य की राजनीति तेज हो गई है। माकपा के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि गुरुंग और तृणमूल के बीच गोरखालैंड के मुद्दे पर क्या डील हुई है इसका खुलासा करना चाहिए। जरूरत पड़े तो इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र मुख्यमंत्री बुलाएं। यह बताया जाए कि तृणमूल ने गुरुंग से कोई समझौता तो नहीं किया है। पत्रकारों से बात करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि जिस प्रकार राष्ट्रद्रोह समेत दर्जनों मामले के आरोपी भूमिगत गुरुंग बेखौफ होकर कोलकाता आते हैं और खुलेआम पत्रकार वार्ता कर मुख्यमंत्री को समर्थन देने की बात करते हैं, यह अपने आप में आश्चर्य है।

किया गुरुंग का स्वागत
दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस को समर्थन की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुंग का स्वागत किया और कहा भाजपा के साथ नाता तोडऩे से भगवा ब्रिगेड को चुनाव से पहले पावर पॉलिटिक्स के लिए इस समझौते से करारा झटका लगा है। जीजेएम अध्यक्ष गुरुंग ने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2021 में ममता बनर्जी की सरकार को तीसरी बार सत्ता में वापस देखना चाहती है। गुरुंग तीन साल से फरार चल रहे थे और उन पर दार्जिलिंग में 2017 के आंदोलन के दौरान पुलिसकर्मियों पर कथित जानलेवा हमले सहित कई आरोप हैं और अभी तक गिरफ्तारी से बचे हुए थे। इस बीच गुरुंग कानूनी प्रक्रिया पर भी गौर कर रहे हैं। वकीलों से राय ले रहे हैं।

भाजपा की खुली कलई
हालांकि गुरुंग ने कहा है कि वह दार्जिलिंग जिले में अलग गोरखा राज्य के लिए अपनी मांग को नहीं छोड़ेंगे। ममता ने कहा कि उनमें विश्वास कायम करते हुए राजग से हटने के शांतिपूर्ण निर्णय के लिए हम गुरुंग की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के गोरखालैंड मुद्दे पर तुच्छ राजनीति और उनकी विश्वसनीयता की अब बंगाल के लोगों के सामने पूरी तरह से कलई खुल गई है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि राजनीतिक पार्टियों और जीटीए के साथ नागरिक समाज सहित पर्वतीय इलाकों के सभी हितधारक अपनी मातृभूमि की शांति और समृद्धि के लिए हमारे साथ मिलकर काम करेंगे।

अवसरवाद की राजनीति: भाजपा
दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि गुरुंग का यू-टर्न अवसरवाद की राजनीति को दर्शाता है जो चुनाव से पहले अपने अस्तित्व के लिए दार्जिलिंग के लोगों के साथ धोखा देना है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी गोरखालैंड अलग राज्य के लिए प्रतिबद्ध नहीं जताई और हमेशा इस समस्या का समाधान करके लोगों के कल्याण के लिए प्रयास किया है। सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए हर बार तृणमूल सरकार केंद्र के बढ़ते कदम के आड़े आई है।
घोष ने कहा कि राज्य सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ अपनी सत्ता का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने झाडग़्राम में छत्रधर महतो के साथ भी यही किया था जो इसका ज्वलंत उदाहरण था और अब जीजेएम नेताओं को अपनी मु_ी में करने के लिए दार्जिलिंग में भी वह इसी तरीके का इस्तेमाल कर रही हैं।

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