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राजनीति के सहारे दूधवाले से बना 5 सौ करोड़ का मालिक

locationकोलकाताPublished: Jun 24, 2021 12:03:41 am

Submitted by:

Paritosh Dube

– 18 साल रहा तृणमूल कांग्रेस का गांव प्रधान- चुनाव से पहले आया था भाजपा में-बेशकीमती जमीनों पर जमाया कब्जा

राजनीति के सहारे दूधवाले से बना 5 सौ करोड़ का मालिक

राजनीति के सहारे दूधवाले से बना 5 सौ करोड़ का मालिक


कोलकाता.
पैसों के लेनदेन में हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार हावड़ा जगदीशपुर के पूर्व तृणमूल ग्राम प्रधान और मौजूदा भाजपा नेता गोविन्द हाजरा के घर-घर दूध और मूड़ी बेचने वाले से करोड़पति बनने पर लिलुआ पुलिस हैरत में है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का अनुमान है कि हाजरा लगभग 500 करोड़ रुपए की सम्पत्ति का मालिक है। हावड़ा और हावड़ा के बाहर उसके 20 आलीशान मकान के अलावा अथाह सम्पत्ति है।
वर्ष 1998 में तृणमूल कांग्रेस के गठन होने पर गोविन्द हाजरा राजनीति में आया। तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर 2003 में वह जगदीशपुर का ग्राम प्रधान बना और विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने के बाद छह मई को इस्तीफा देने तक लगातार 18 साल वह वहां का ग्राम प्रधान रहा। इस दौरान इलाके में उसकी तूती बोलती थी। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि हाजरा ने ग्राम प्रधान पद का लाभ उठाकर गैर कानूनी तरीके से सम्पत्ति बनायी है, जिसकी जांच की जा रही है। पुलिस उसे गुरुवार को हावड़ा कोर्ट में पेश करेगी।
– सरकारी सम्पत्ति बेचने, रिश्वत लेने का आरोप
लिलुआ थाने में गोविन्द हाजरा के खिलाफ नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपए लेने और छड़, बालू व सीमेंट के व्यवसायियों के लाखों रुपए हड़पने के अनेक मामले दर्ज है। उस पर सरकारी सम्पत्ति दखल करने, जगदीशपुर हाट को मुंबई के एक व्यापारी को बेचने, सामुदायिक आवास योजना में अनियमितता के भी आरोप हैं।
सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान हाजरा ने पुलिस को बताया कि ग्राम प्रधान रहते समय सम्पत्ति वारिश प्रमाणपत्र के लिए वह लोगो से पांच से 30 हजार और सरकारी आवास योजना में 20 प्रतिशत रिश्वत लेता था। उसने तीन बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा कर निर्माण किया है। स्थानीय लोग उसके खिलाफ नागरिक मंच बना कर पुलिस पर कार्रवाई का दवाब बना रहे हैं।
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राहू के नाम से लगाए पोस्टर
बुधवार को गोविंद हाजरा की कई सम्पत्तियों पर स्थानीय लोगों ने पोस्टरबाजी की। जिनमें उसे राहु, धोखाधड़ी का मुखिया बताया गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक गोविंद की दृष्टि’ जिस जमीन या कारखाने पर पड़ जाती थी उसे वह तिकड़म से हासिल कर लेता था।

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