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मधुमक्खियों की भिनभिनाहट से हाथियों को रोकने की तैयारी

locationकोलकाताPublished: Sep 10, 2018 08:55:30 pm

Submitted by:

Vanita Jharkhandi

– नए डिवाइस से रेल को राहत

kolkata west bengal

मधुमक्खियों की भिनभिनाहट से हाथियों को रोकने की तैयारी

 

– उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे में सफल हुआ है प्रयोग- उत्तर-पूर्व सीमा पर गुवाहाटी के निकट लगाया गया है नया डिवाइस


कोलकाता. ट्रेन पटरियों पर हाथियों के मारे जाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे की ओर से किए गए प्रयासों को सफलता मिलते देख अब रेलवे के अन्य जोन भी मधुमक्खियों की भिनभिनाहट के बचाव वाले फार्मूले पर काम करने की तैयारी में हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे व पूर्व रेलवे भी मधुमक्खियों की भिनभिनाहट की आवाज पैदा करने वाले डिवाइस उस कॉरीडोर में लगाएंगे जो हाथियों की ओर से रेल पटरियों को पार करने में इस्तेमाल किया जाता है।

हाथियों के व्यवहार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक हाथियों का समूह मधुमक्खियों से परहेज करता है। उन्हें उनकी भिनभिनाहट पसंद नहीं हैं। इसलिए जहां कहीं उसे मधुमक्खियों की उपस्थिति का संकेत मिलता है वह अपना रास्ता बदल लेता है। हाथियों के इस व्यवहार को उनके संरक्षण में लगे लोगों ने पहचान लिया। उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे ने भी पटरियों पर हाथियों के आने की घटनाओं को रोकने के लिए हाथियों के व्यवहार का ही सहारा लिया।
सूत्रों के अनुसार हाथी कॉरीडोर में एेसे डिवाइस लगाए गए हैं जो मधुमक्खियों की भिनभिनाहट जैसी आवाज निकालता है। जिसे 600 मीटर दूर से ही हाथियों को समूह सुन लेता है और पटरियों पर जाने से परहेज करता है।

डिवाइस की लागत भी दो हजार रुपए बताई जा रही है। जिनका संचालन आसान व बैटरी चालित है।


35 हाथी मारे गए तीन साल में

गत अप्रेल माह में हावड़ा-मुम्बई मेल की चपेट में आकर चार हाथियों की मौत हुई थी। वहीं 2014 से 2017 के दौरान कुल 35 हाथियों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई है। रेलवे तरह तरह के उपाय कर हाथियों को पटरियों से दूर रखने का प्रयास कर रहा है। हाथी के कॉरीडोर में रेलगाडि़यों की गति नियंत्रित की जा रही है।

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