राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए उम्मीदवार को प्रथम पसंद के 48 वोटों (विधायकों का समर्थन) की जरूरत है। कांग्रेस के पास यह संख्या 2016 में 44 के मुकाबले फिलहाल 25 पर टिकी हुई है। ऐसे में वाममोर्चा के प्रत्यक्ष समर्थन के बिना कांग्रेस की जीत संभव नहीं है।
इस संदर्भ में सिंघवी ने कहा कि राज्य विधानसभा में दलगत स्थिति की समीक्षा के बाद ही पार्टी आगामी राज्यसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का दावा पेश करेगी। प्रियंका की उम्मीदवारी पर पूछे सवाल पर सिंघवी ने कहा कि उन्हें मालूम है कि पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए प्रियंका की उम्मीदवारी की मांग उठ रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी इस तरह की मांगें उठीं हैं। इस बारे में आधिकारिक निर्णय कांग्रेस कार्यसमिति ही लेगी।