देश में संभवत: पहला मौका, एक सीएम का यह फरमान
हाल के चार नगर निगम चुनावों में इकतरफा 90 फीसदी तक वोट मिलने की चौतरफा आलोचनाओं के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बैकफुट पर जाते हुए पार्टी प्रत्याशियों को स्थानीय निकाय चुनाव में अधिक वोट से जीतने की कोशिश नहीं करने का फरमान जारी कर दिया। संभवत: देश में यह पहला मौका होगा जब एक मुख्यमंत्री ने पार्टी प्रत्याशियों से ज्यादा वोटों से नहीं जीतने के लिए फरमान जारी किया हो।
कोलकाता
Updated: February 20, 2022 12:36:00 pm
निकाय चुनाव: मंत्री ने दी पार्टी उम्मीदवारों को हिदायत
इकतरफा वोट मिलने की चौतरफा आलोचना के बाद पार्टी बैकफुट पर
कोलकाता. हाल के चार नगर निगम चुनावों में इकतरफा 90 फीसदी तक वोट मिलने की चौतरफा आलोचनाओं के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बैकफुट पर जाते हुए पार्टी प्रत्याशियों को स्थानीय निकाय चुनाव में अधिक वोट से जीतने की कोशिश नहीं करने का फरमान जारी कर दिया। संभवत: देश में यह पहला मौका होगा जब एक मुख्यमंत्री ने पार्टी प्रत्याशियों से ज्यादा वोटों से नहीं जीतने के लिए फरमान जारी किया हो। तृणमूल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और राज्य के मंत्री अरूप विश्वास ने पार्टी उम्मीदवारों को यह फरमान मानने की हिदायत दी है। दूसरी ओर विपक्षी पार्टी भाजपा ने तृणमूल पर वोट लूटने की तैयारी करने का आरोप लगाया।
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दो हजार वोट से जीतना ही पर्याप्त
अरूप विश्वास ने कहा कि दो हजार से अधिक वोट से नगरपालिका चुनाव जीतना ही लोकतंत्र की पूजा है। पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का निर्देश है कि तृणमूल का कोई भी प्रत्याशी इससे अधिक वोट से चुनाव जीतने की कोशिश नहीं करेगा। वे बर्दवान में तृणमूल उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी उम्मीदवारों को ममता बनर्जी के निर्देश का पालन करना होगा। इसका उल्लंघन करना पार्टी निर्देश की अवमानना होगी
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सीमा में वोट लूटने का निर्देश: भाजपा
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि चार नगर निगम चुनाव में जितने मतदाताओं ने वोट नहीं डाले उससे अधिक वोट पड़े हैं। किसी किसी तृणमूल उम्मीदवार को 90 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। इसलिए तृणमूल अपने लोगों को सीमा में रह कर वोट लूटने को कह रही है।
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नेता प्रतिपक्ष ने उठाए थे सवाल
नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने निगम चुनावों में धांधली का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। उन्होंने विधाननगर नगर निगम इलाके के दस हजार उच्च शिक्षित लोगों के वोट नहीं दे पाने का दावा किया था। उन्होंने इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का ऐलान भी किया। वाम दलों और कांग्रेस ने भी तृणमूल उम्मीदवारों को 90 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने पर आश्चर्य जताया था। दोनों दलों ने मतदान में गड़बडी की आशंका जाहिर की थी।

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