जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों में शामिल बबलू सांतरा अगले कुछ महीनों में रिटायर होकर परिवार के साथ जीवन बिताना चाहते थे। उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। बबलू सांतरा के शहीद होने की खबर मिलते ही पूरे इलाके में शोक का माहौल है। वहीं उनके घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। बड़ी संख्या में लोग शहीद की विधवा मां, पत्नी व ७ वर्षीया बेटी को सहानुभूति देने के लिए पहुंचे। स्थानीय लोगों के मुताबिक बबलू सांतरा बचपन से ही काफी मेहनती था। बचपन में ही पिता का सिर से साया उठ गया था। देश भक्ति की भावना व कड़ी मेहनत और लगन के बाद बबलू ने सीआरपीएफ की नौकरी पाई थी। वह देश की सेवा पूरी निष्ठा के साथ पिछले 19 वर्षों से कर रहा था। अगले साल वह स्वेच्छा से सीआरपीएफ से रिटायर होकर अपने घर आना चाहता था।
परिजनों के मुताबिक बबलू सांतरा दिसंबर महीने में छुट्टी पर घर आए थे और कहा था कि अगले कुछ माह में रिटायर होने के बाद घर पर ही रहेंगे। उनका यह सपना अधूरा ही रह गया।
परिजनों के मुताबिक बबलू सांतरा दिसंबर महीने में छुट्टी पर घर आए थे और कहा था कि अगले कुछ माह में रिटायर होने के बाद घर पर ही रहेंगे। उनका यह सपना अधूरा ही रह गया।
इधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहीद परिवार की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। शहीद के घर हावड़ा ग्रामीण के तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष पूलक राय, हावड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष और सहकारिता मंत्री अरूप राय, राज्य के खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला पहुंचे।