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पेंटिग्स-कलाकृतियों से दिखा दी सेरेब्रल पाल्सी पीडि़त पूनम ने प्रतिभा

locationकोलकाताPublished: Jun 08, 2019 10:12:49 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

जन्मजात सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित प्रवासी राजस्थानी पूनम सोमानी की जिंदगी से जद्दोजहद—स्कूली शिक्षा हासिल न की, लेकिन आकर्षक पेंटिग्स, कलाकृतियां बनाने में निपुण—-बेसिक कम्प्यूटर/डीटीपी का भी ज्ञान—पत्रिका के साथ खास भेंट में कहा, हमेशा खलती है भाई न होने की कमी
 

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पेंटिग्स-कलाकृतियों से दिखा दी सेरेब्रल पाल्सी पीडि़त पूनम ने प्रतिभा

कोलकाता (शिशिर शरण राही). कहते हैं कि प्रतिभा किसी अभाव की मोहताज नहीं होती और दिल में अगर कुछ कर गुजरने का जोश-जज्बा, जूनून हो तो कोई भी मुश्किल बाधा नहीं बन सकती। प्रवासी राजस्थानी बालिका पूनम सोमानी ने इसे सच साबित कर दिखाया। जन्मजात सेरेब्रल पाल्सी की शिकार पूनम ने भले ही स्कूली शिक्षा हासिल न की, लेकिन एक से बढक़र एक आकर्षक पेंटिग्स, कलाकृतियां बनाकर तमाम शारीरिक विसंगतियों को मात दे डाली। आज उसकी बनाई पेंङ्क्षटग्स, स्केच कलाकृति को देख हर कोई अचंभित है। पूनम सेरेब्रल पाल्सी की वजह से स्कूली पढ़ाई पूरी न कर सकी, पर हैंडिकैप्ड स्कूल में अध्ययन का उसे मौका मिला। फोल्क आर्ट, वर्ली-पेंटिग्स, गणपति, राजपूताना, मधुबनी पेंटिग्स, कार्टून, स्केच, वाटर कलर से विभिन्न कलाकृतियों के निर्माण के अलावा पूनम को बेसिक कम्प्यूटर/डीटीपी का भी अच्छा ज्ञान है, जबकि कलाकृतियों के निर्माण में वह पारंगत है। स्मार्टफोन, लैपटॉप चलाने के साथ ही जितनी कुशलता से वह ई-मेल, व्हाट्स एप पर मैसेज भेजती है उसे देख हर कोई चकित रह जाता है। उसकी हाथ से बनाई रामायण पेंटिग्स, मशहूर हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन के स्केच/कार्टून/तस्वीर, गणपति, मां काली-दुर्गा, शिव-परिवार आदि कलाकृतियां खुद उसकी प्रतिभा को प्रमाणित करती है। वर्तमान में रिसड़ा के एनके बनर्जी स्ट्रीट स्थित फ्लैट में मां सुषमा और पिता विजय सोमानी के संग निवासरत पूनम ने राजस्थान पत्रिका संवाददाता के साथ पिछले दिनों खास भेंट में बताया कि कोई भाई न होने से उसे हमेशा अपने भाई की कमी हमेशा महसूस होती है। मूल रूप से राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर निवासी विजय सोमानी की पुत्री पूनम इसके अलावा योग शिविर में भी नियमित रूप से योगाभ्यास में उमंग-उत्साह से भाग लेती है। रिसड़ा सेवक संघ के तत्वावधान में पिछले कई साल से योगा की नियमित छात्रा पूनम की काबिलियत पर योग प्रशिक्षक ओमप्रकाश बंसल सहित योगा परिवार के सदस्यों को नाज है।
—-विश्व योग दिवस पर योग शिविर में लेगी भाग
योग परिवार में प्यार-स्नेह से लाडक़ुंवर के नाम से मशहूर पूनम योगा में सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, कपाल-भाति, चक्रासन, सर्वांगासन आदि किसी कुशल पेशेवेर योग प्रशिक्षक की तरह करती है। विश्व योग दिवस के मौके पर 21 जूून को रिसड़ा सेवक संघ प्रांगण में होने वाले योग कैंप में भी पूनम शिरकत करेगी। 1998 में कारोबारी के सिलसिले में पूनम के पिता विजय सोमानी बंगाल आए। आज विजय का खुद का व्यापार है जबकि पूनम की मां सुषमा परिवार की देखभाल और घरेलू कार्य सम्भालती हैं। दो बहनों में छोटी पूनम की बड़ी बहन गुन्जन (विवाहित) मुंबई में रहती है। विजय ने बताया कि भुवनेश्वर में प्रवास के दौरान 1996 में वहां के अनेक डॉक्टरों के पास जाकर पूनम को दिखाया, पर कोई लाभ नहीं हुआ। भुवनेश्वर से 1998 में बंगाल आए। यहां हिन्दमोटर के मेंटली एन्नी सूलीवेन मेंटली हैंडिकैप्ड स्कूल में 1999 में नाम लिखाया, जहां 3 साल तक पूनम रही। यहीं पर स्कूल में रहने के दौरान ड्रॉइंग प्रतियोगिता में पूनम ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि किचेन को छोड़ घर के लगभग हर काम वह धीरे-धीरे बखूबी कर लेती है, पर तेज गति से नहीं। उसमें एकाग्रता, स्पीड, कैल्युकेशन की कमी है।
—-क्या है सेरेब्रल पाल्सी?
सेरेब्रल का अर्थ मस्तिष्क के दोनों भाग और पाल्सी का अर्थ ऐसे विकार या क्षति से है जो शारीरिक गति के नियंत्रण को क्षतिग्रस्त करती है। सेरिब्रल पाल्सी का साधारण शब्दों में मतलब है–मस्तिष्क का लकवा। प्रसिद्ध सर्जन डॉ. विलियम लिटिल ने 1860 में बच्चो में पाई जाने वाली इस असामान्य रोग से सम्बंधित चिकित्सा की चर्चा की थी। इसमें हाथ-पैर की मांसपेशियों में कड़ापन पाया जाता है। सेरेब्रल पाल्सी एक जटिल अवस्था है, जो जीवन के प्रथम 3 वर्षो में हुई मस्तिष्कीय क्षति के कारण होती है। इसके फलस्वरूप मांसपेशियों में सामंजस्य न होने के कारण कमजोरी से अपंगता की हालत होती है।

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