अधिकारियों ने बताया कि ठेकेदार के अधीन काम करने वाले कुछ अस्थायी मजदूरों ने अपने साथ कुछ बाहरी लोगों को कारखाने में बुला लिया था। जिन्होंने अन्य मजदूरों के साथ मारपीट की और मशीन को नुकसान पहुंचाया। इसी वजह से अचानक कारखाने में उत्पादन बंद हो गया। इन्हें ठीक करने के बाद अन्य प्लांट भी शुरू कर दिए जाएंगे। काम पर आए स्थायी मजदूरों की संख्या पूरी रही। वहीं दूसरे प्लांट भी जल्द शुरू हो जाएंगे।
मजदूरों का आरोप है कि गड़बड़ी फैलाने वाले तत्व उन्हें काम पर जाने से मना कर रहे हैं। लेकिन वे उनकी बात की उपेक्षा कर काम पर जा रहे हैं। मजदूर बापी दास ने कहा कि प्रबंधन ने उनकी मांगों को सुनकर कारखाने को खोल दिया है। कुछ बाहरी तत्व उन्हें काम पर जाने से रोक रहे थे। लेकिन वे उसकी परवाह किए बिना काम पर जा रहे। प्रबंधन उनके साथ है। इससे उन्हें डर नहीं है। इसमें करीब २ हजार मजदूर कार्यरत रहे।