राजस्थान परिषद का 70वां राजस्थान दिवस समारोह 31 को
कोलकाताPublished: Mar 28, 2019 05:42:43 pm
राजस्थान दिवस पर टैगोर के गीतों का राजस्थानी कारवां का आईसीसीआर के सत्यजीत के ऑडिटोरियम में 30 मार्च को राज्यपाल करेंगे उद्घाटन
राजस्थान परिषद का 70वां राजस्थान दिवस समारोह 31 को
कोलकाता. राजस्थान परिषद, कोलकाता की ओर से 70वां राजस्थान दिवस समारोह का आयोजन 31 मार्च को सुबह 10.30 बजे ओसवाल भवन में आयोजित होगा। इसकी अध्यक्षता बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी करेंगे। समारोह में प्रधान अतिथि उद्योगपति-समाजसेवी वेणुगोपाल बांगड़ होंगे और प्रधान वक्ता होंगे राजस्थान सरकार के नेता प्रतिपक्ष एवं प्रखर चिन्तक गुलाबचन्द कटारिया। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी रहेंगे। राजस्थान परिषद के महामंत्री अरुण प्रकाश मल्लावत ने बताया कि इस अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति एक संग्रहणीय स्मारिका विकसित राजस्थान का भी लोकार्पण होगा।
विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के एक दर्जन गीतों का राजस्थानी भाषा में काव्यानुवाद कर उन्हें पहली बार 30 मार्च को राजस्थान दिवस पर प्रस्तुत किया जाएगा। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी आईसीसीआर के सत्यजीत के ऑडिटोरियम (टाटा सेंटर के पास) में इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। पश्चिम बंगाल प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में समाज के कलाकारों की ओर से गीतों को संगीत के साथ नृत्य पेश किया जाएगा। देश में यह पहला अवसर होगा जब बंगाल के सबसे चर्चित और मर्यादित रवीन्द्र संगीत को मायड़ भाषा में प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम के संयोजक विश्वम्भर नेवर ने बताया कि भौगोलिक रूप से विपरीत दिशाओं के प्रांत राजस्थान और बंगाल के बीच यह कार्यक्रम एक सांस्कृतिक सेतु और कॉरीडोर तैयार करेगा। अनुवाद डॉ. जलज भादुड़ी ने किया है जबकि संगीत निर्देशन सत्यजीत जैन, गायक टोली का नेतृत्व कवियत्री गुलाब बैद करेंगी। उद्घोषक राजप्रभा दस्सानी हैं। अध्यक्षता के लिए सांसद (राज्यसभा) डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वीकृति प्रदान की है। उद्योगपति हरिमोहन बांगड़, बांग्ला फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता अर्जुन चक्रवर्ती सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला, बंगाल के शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी व संस्कृतिक मंत्री इन्द्रनील सेन ने संदेश जारी कर इस कार्यक्रम को बंगाल व राजस्थान के सांस्कृतिक संबंधों को दृढ़तर करने में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है। जगदीश चन्द्र मंूधड़ा, घनश्याम शर्मा, अशोक बियानी, प्रदीप अग्रवाल, ताराचंद पाटोदिया, सुभाष गोयनका आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय हैं।