किसी ने सराहा, तो किसी ने उठाए सवाल
कोलकाताPublished: Mar 26, 2019 10:31:07 pm
चाय की चुस्की पर चुनावी चर्चा—प्रवासी राजस्थानियों ने बयां किए अपने विचार—–एकसुर में जताई आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपेक्षा——पत्रिका से खास बातचीत
किसी ने सराहा, तो किसी ने उठाए सवाल
कोलकाता. देश की सांस्कृतिक राजधानी कोलकाता के बारे में अक्सर यह बात कही जाती है कि यहां के रोम-रोम में सियासत है। १७वीं लोकसभा के चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ ही यहां के विभिन्न स्थानों, चाय की दुकानों पर तरह-तरह के चुनावी जुमले गूंजने लगे हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर महानगरवासियों की सरकार से क्या अपेक्षाएं हैं? यह टटोलने के लिए पत्रिका ने जब मंगलवार को मिनी राजस्थान के नाम से मशहूर बड़ाबाजार का दौरा कर प्रवासी राजस्थानियों से बात की तो किसी ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल खत्म होने से पहले के कल्याणकारी कार्यों की सराहना की, तो कुछ ने सवाल खड़े किए। लगभग सभी ने एकसुर में आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का समर्थन करते हुए नई सरकार से भी ऐसा ही कदम उठाने की अपेक्षा की, तो कुछ ने मध्यम और व्यापारी वर्ग के हितों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।
——प्रवासी राजस्थानियों की जुबानी
वर्तमान सरकार ने मध्यम और व्यापारी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया, जबकि दोनों वर्गों को इस सरकार से काफी उम्मीदें थी। अब केंद्र में जो भी सरकार बने वह इन दोनों वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर कल्याणकारी योजनाएं बनाए। वर्तमान में राजनीतिक जगत में बड़े पैमाने पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। नई सरकार के कार्यकाल में भाषा की मर्यादा बरकरार रहे ऐसी अपेक्षा है।——-सुशील कोठारी (अध्यक्ष, बांग्ला-हिंदी एकता मंच)
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किसी भी तरह का आरक्षण चाहे वह महिला आरक्षण ही क्यों न हो, तत्काल बंद हो। आज की महिलाएं काफी शिक्षित हैं, जो हर काम करने की क्षमता रखती हैं। फिर किसलिए आरक्षण? राजनेताओं को जो भी सुविधा और रियायत मिलती है, उसपर भी रोक लगीई जाए।
—–सुमन राठी (प्रेसीडेंट, पूर्व कोलकाता माहेश्वरी महिला संगठन)
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महिलाओं, युवाओं और गरीबों के हितों में काम करने वाली सरकार हो। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में आतंकी हमले के खिलाफ जैसा मुंहतोड़ जवाब दिया गया वैसा ही नई सरकार के समय में भी आतंक पर कठोर कार्रवाई जारी रहे। स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष रूप से ध्यान दी जाए।—-श्वेता जैन, प्रवासी राजस्थानी
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लंबे अरसे से कोलकाता में रह रहे राजस्थान के रामगढ़-शेखावाटी के मूल निवासी व्यवसायी रामनरेश लाटा का कहना है कि बंगाल में जैसा विकास हुआ है वैसा ही अन्य प्रदेशों में हो। आज तक बंगाल से कोई भी राजनेता देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सका। लाटा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के समय एक बार ऐसा मौका आया था, लेकिन उनकी पार्टी ने ही उन्हें प्रधानमंत्री बनने की इजाजत नहीं दी।—-रामनरेश लाटा, प्रवासी राजस्थानी
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महिलाओं के खिलाफ आए दिन होने वाले अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाए और आतंकवाद के मसले पर किसी भी तरह की नरमी न बरती जाए। वर्तमान सरकार ने 5 साल के दौरान गरीबों, महिलाओं खासकर 3 तलाक पर कदम उठाकर सराहनीय काम किए। नई सरकार सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखने वाली हो।—-सुनीता नाहटा, प्रवासी राजस्थानी
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नौकरी पेशा, युवाओं और गरीबों के हितों में काम करने वाली सरकार हो। नई सरकार के समय में भी आतंक पर कठोर कार्रवाई जारी रहे। स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष रूप से ध्यान दी जाए।—-रमेश सिंह राठौड़, प्रवासी राजस्थानी
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अमीर-गरीब वर्ग का भेद न हो और रोजगार को प्राथमिकता दी जाए। धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि अमन-चैन बरकरार रहे।–जितेंद्र कुमार अग्रवाल, प्रवासी राजस्थानी