ग्रीन जोन में बसें चलाने से इनकार
मालिक बोले घाटे का सौदा, सरकार से पूछे चार सवाल

कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के ग्रीन जोन में शर्तों पर बस चलाने की अनुमति दी है, लेकिन मालिकों ने बस चलाने से इनकार करते हुए राज्य सरकार से चार सवालों के जवाब मांगे हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश अनुसार राज्य सरकार ने बंगाल के ग्रीन जोन में बस चलाने के लिए लिए निर्देशिका जारी की है, जिसमें 20 से अधिक यात्रियों को बैठाने की सख्त मनाही है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए बस मालिकों के संगठन ने इसे आर्थिक तौर से अव्यवहारिक बताया है और समस्या का समाधन करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है।
अपने पत्र में संगठन ने चार सवाल किए हैं, जिसमें पहला सवाल है कि 20 से अधिक यात्रियों को सवार नहीं करने पर तेल के खर्च की कैसे भरपाई होगी। कोई यात्री कोरोना वायरस से संक्रमित है तो यह कैसे पता चलेगा और किसी बस कर्मी के संक्रमित होने पर जिम्मेवारी कौन लेगा। लॉकडाउन के के कारण ट्रेन और अन्य परिवहन बंद हैं. ऐसे में बस में सिर्फ 20 यात्रियों से सेवा शुरू करना कैसे संभव होगा और इतने कम यात्रियों से सेवा संभव नहीं है।
ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने बताया कि जब तक रेलवे और परिवहन नहीं चालू होता, कोविड-19 का खतरा नहीं टल जाता तब तक बस चलाना संभव नहीं है।
परिवहन क्षेत्र मुश्किल में
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण परिवहन क्षेत्र मुश्किल में पड़ गया है। मालिकों की समस्याओं के समाधान के लिए उनके संगठन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के परिवहन मंत्री शुभेन्दु अधिकारी को बार-बार पत्र दिया है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।
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