कोलकाता

शिकारियों की भेंट चढ़ा रॉयल बंगाल टाइगर

डेढ़ महीने से बाघ को जिन्दा पकडऩे में वन विभाग रहा नाकाम , बाघ के मुंह और शरीर पर चोट के निशान मिलने की खबर

कोलकाताApr 13, 2018 / 09:14 pm

Rabindra Rai


कोलकाता
डेढ़ महीने तक पश्चिम मिदनापुर के लालगढ़ इलाके में आतंक मचाने वाले रॉयल बंगाल टाइगर को वन विभाग जिंदा पकडऩे में नाकाम रहा और वह स्थानीय शिकारियों की भेंट चढ़ गया। लालगढ़ स्थित बाघघोड़ा जंगल में शुक्रवार सुबह बाघ मृत पाया गया। घायल आदिवासी शिकारियों का पता चला है, लेकिन बाघ के मरने के कारण का पता नहीं चल पाया है।
स्थानीय लोगों से मिली खबरों के अनुसार आदिवासियों का एक समूह बाघघोड़ा के घरमपुर जंगल में शिकार उत्सव मनाने गया था। कथित तौर पर बाघ के हमले में समूह के दो लोग घायल हो गए। कुछ घंटे बाद बाघ मृत पाया गया। बाघ के मरने की खबर मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सुन्दरवन के वनकर्मियों ने मृत बाघ को अपने कब्जे में ले लिया। बाघ के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। उसका मुंह मोटी लकड़ी से छेदा हुआ था। शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान और कान के पास से खून निकला हुआ था। वन विभाग ने बाघ के मरने का कारण पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
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जिंदा पकडऩे की कोशिश नाकाम

डेढ़ महीने पहले लालगढ़ के इलाके में रॉयल बंगाल टाइगर के पैर के निशान मिलने से स्थानीय लोगों में आतंक फैल गया था। लोग जाग-जाग कर रात गुजारने को मजबूर गए। बाघ को जिंदा पकडऩे के लिए वन विभाग कर्मियों ने मुहिम छेड़ दी। वन विभाग ने जंगल में सीसीटीवी कैमरे लगाए। कैमरे में बाघ की तस्वीर भी आई, लेकिन वन विभाग कर्मियों के हाथ बाघ नहीं लगा।
जंगल में लगे सीसीटीवी के फुटेज को रहा खंखाल
पश्चिम मिदनापुर के लालगढ़ में रॉयल बंगाल टाइगर के मृत पाए जाने के बाद पश्चिम बंगाल का वन विभाग हरकत में आ गया है। विभाग ने उसे मारने वालों की पहचान करने का काम ? शुरू कर दिया है। राज्य के प्रधान वन प्रमुख रविकान्त सिन्हा ने बताया कि कि उक्त बाघ को खोजने के लिए बाघघोड़ा और धरमपुर के जंगलों में लगाए गए सीसीटीवी के फुटेज को खंखाला जा रहा है। फुटेज में जंगल में प्रवेश करने वाले कुछ लोगों की तस्वीर मिली है। उनकी पहचान की जा रही है। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि वन विभाग यह भी निर्धारित कर रहा है कि बाघ को मारने वालों के खिलाफ किस धारा के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
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