अधिवेशन के प्रस्ताव सत्र में कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने एनआरसी का मुद्दा उठाते हुए कोलकाता वासियों में इसे लेकर आतंक उत्पन्न होने की बात कही। साथ ही मेयर व सत्तापक्ष से अपील की कि वे इस बारे में सरकार रुख स्पष्ट करें। साथ ही उन्हें जागरूक भी करें।
उनके इस प्रस्ताव पर टिप्पणी रखते एमआईसी व पार्षद देवाशीष कुमार ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र सरकार राम भक्त व हिंदू प्रचारक होने का दावा करती है। बावजूद उसके बार-बार एनआरसी का नाम लेकर भाजपा के नेता अतिथि देवो भव: के हिंदू संस्कार को नष्ट करते हैं।
वहीं तृणमूल कांग्रेस पार्षद अरूप चक्रवर्ती ने देवाशीष कुमार का समर्थन करते हुए भाजपा को पहले बंगाल में अपना स्थान बनाने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जिसका खुद इस प्रदेश में कोई स्थान नहीं है, वह यहां से किसी को क्या निकालेंगे?
तृणमूल व कांग्रेस पार्षदों की इन बयानबाजी पर भाजपा पार्षद विजय ओझा ने केंद्र का पक्ष रखते हुए कहा कि अब तक एनआरसी लागू नहीं हुआ है, पर बंगाल में लागू जरूर होगा। यहां कि सरकार बंगालवासियों को एनआरसी को लेकर भ्रमित कर रही है। लोगों को गलत बातें बताकर आतंकित किया जा रहा है। जबकि एनआरसी का मतलब घुसपैठियों को इस देश से बाहर निकालना है।
उनके इस बयान के बाद माकपा पार्षद भी बिफर उठे और तृणमूल व कांग्रेस पार्षदों ने उनका विरोध किया। वहीं मेयर फिरहाद हकीम ने यह दावा किया कि बंगाल में जब तक ममता सरकार है तब तक किसी हालत में एनआरसी लागू नहीं होगा।
– विद्यासागर पर भी हुआ बवाल :
अधिवेशन के दौरान विद्यासागर मुद्दे को लेकर भी तृणमूल और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया। इस दिन माकपा के एक पार्षद प्रस्ताव सत्र में हर साल विद्यासागर की जन्म तिथि पर निगम की ओर से विशेष समारोह आयोजन करने का प्रस्ताव रखा। जिसका जवाब देते-देते मेयर लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह की रैली में विद्यासागर कॉलेज में विद्यासागर की मूर्ति को क्षति पहुंचाने का मुद्दा उठाया और भाजपा पर आरोप लगाया। जिस पर भाजपा पार्षद विजय ओझा ने इसे गलत करार दिया और इसे तृणमूल की साजिश बताई।