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सलकिया का जाम: आखिर कब होगा समाधान

locationकोलकाताPublished: Sep 23, 2020 10:23:09 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

यातायात समस्या
– 31 साल से फ्लाईओवर का इंतजार कर रहे लोग – कुछ सौ मीटरों की दूरी तय करने में लग जाता है आधा घंटा

सलकिया का जाम: आखिर कब होगा समाधान
हावड़ा. किसी भी टैक्सी वाले से कहिए हावड़ा के सलकिया जाना है। एक बार तो उसके मन में संशय जरूर होगा। वजह, सलकिया चौरस्ता का 500 से 700 मीटर लंबा इलाका पार करने में कभी आधे घंटे तो कभी 45 मिनट लग जाते हैं। यह समस्या आज की नहीं है। दशकों पुरानी है। दशकों पूर्व से ही समस्या के समाधान के प्रयास भी हो रहे हैं लेकिन अब तक नतीजा सिफर रहा है।
कोलकाता और हावड़ा स्टेशन से उत्तर हावड़ा, बाली, बेलूर, हुगली जाने के महत्वपूर्ण रास्ते जीटी रोड पर स्थित चौरस्ता जाम की समस्या से ग्रस्त है। चौरस्ता पार करने में वाहन चालकों के धैर्य की परीक्षा हो जाती है। सलकिया सम्मिलनी पार्क इलाके से बाबू डांगा मोड़ की दूरी मुश्किल से 500 से 700 मीटर होगी। इतनी दूरी तय करने में वाहनों को कम से कम 25 से 30 मिनट लगते हैं और जब यहां जाम लगा हुआ हो तब यही दूरी पार करने में 40 से 50 मिनट तक लग जाते हैं। चौरस्ते के आसपास सलकिया बांधाघाट लॉन्च घाट है। उत्तर हावड़ा से उत्तर कोलकाता को जोडऩे वाली महत्वपूर्ण फेरी सर्विस इसी इलाके में है। वहीं दूसरी तरफ बनारस रोड का मिलन स्थल भी चौरस्ते में। इस महत्वपूर्ण रास्ते में औसतन प्रति घंटे 5 हजार से वाहनों का संचालन होता है। कई बस रूट इसी रास्ते से संचालित होते हैं।
1989 में बनी थी फ्लाईओवर की योजना
चौरस्ते में ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए वर्ष 1989 में वाम सरकार के समय फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया गया था। निर्माण के लिए हटाए जाने वाले स्थानीय निवासियों और व्यवसायिों ने पुनर्वास की मांग पर आंदोलन शुरू किया था। मामला कलकाता हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी गया। जहां पर व्यवसायियों के समर्थन में अदालत का फैसला आया। फ्लाईओवर की योजना ठंडे बस्ते में चली गई।
वर्ष 2017 में हुआ था शिलान्यास
इसके बाद वर्ष 2011 में राज्य में हुए राजनीतिक परिवर्तन के बाद एक बार फिर फ्लाईओवर तैयार करने की सुगबुगाहट शुरू हुई। तात्कालिक उत्तर हावड़ा विधायक अशोक घोष के सहयोग के कारण योजना को गति मिली। राज्य के नगर व नगर विकास विभाग की ओर से मिली स्वीकृति के बाद हावड़ा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने फ्लाईओवर बनाने का काम शुरू किया। यह निर्णय लिया गया कि फ्लाईओवर की जद में आ रहे इलाके के 224 व्यवसाई व 125 परिवारों का दूसरी जगह पुनर्वास किया जाएगा। कइ्र लोगों को पुनर्वास दे भी दे दिया गया। वर्ष 2017 में लगभग एक किलोमीटर लंबे और 60 फुट चौड़े फ्लाइ ओवर का शिलान्यास राज्य के नगर व नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने किया। उसके कुछ दिन बाद ही अज्ञात कारणों से एक बार फिर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य रुक गया।
व्यवसायी दे रहे थे साथ
सलकिया व्यवसाई समिति के सदस्य असीम कुमार दास ने कहा कि स्थानीय निवासी व व्यवसाई योजना का साथ दे रहे थे लेकिन निर्माण का कार्य बहुत धीमा चल रहा था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी फ्लाईओवर के निर्माण का कार्य पूरा किया जाना चाहिए। वहीं हावड़ा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के सूत्रों का दावा है कि अदालत में कई मामलों के लंबित रहने के कारण बीच-बीच में निर्माण कार्य थम जाता है। कुल मिलाकर 31 साल पुरानी फ्लाईओवर की योजना कब पूरी होगी इस पर अब भी संशय बना हुआ है।
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