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बंगाल: आईपीएस समेत 6 पुलिस अधिकारी रडार पर

locationकोलकाताPublished: Aug 26, 2018 09:24:35 pm

– सारधा घोटाला: पूछताछ करना चाहती है सीबीआई- जांच एजेंसी ने डीआईजी (सीआईडी) को भेजा ई-मेल

Kolkata West Bengal

बंगाल: आईपीएस समेत ६ पुलिस अधिकारी रडार पर

कोलकाता

सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन की लाल डायरी और कंपनी के मुख्यालय के कम्प्यूटरों के हार्ड Disk की तलाश में जोरशोर से जुटी सीबीआई अब आईपीएस अर्णव घोष और इंस्पेक्टर रैंक के पांच अधिकारियों से पूछताछ करना चाहती है। इंस्पेक्टर रैंक के अधिकांश अधिकारी फिलहाल राज्य खुफिया पुलिस (सीआईडी) में पदस्थ हैं। इसलिए सीबीआई की ओर से डीआईजी (सीआईडी) को ई-मेल कर सभी को तलब किया गया है। हालांकि सीआईडी की ओर से उक्त ई-मेल की पुष्टि नहीं की गई है। एडीजी (सीआईडी) से इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें इस तरह के किसी ई-मेल की जानकारी नहीं है। 2013 में सारधा चिटफंड घोटाले के खुलासे के बाद मामले की जांच के लिए आईपीएस राजीव कुमार के नेतृत्व में १२ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। विधाननगर कमिश्ररेट के तत्कालीन डीसी (डीडी) अर्णव घोष समेत इंस्पेक्टर रैंक के उक्त सभी अधिकारी एसआईटी के सदस्य थे। अर्णव घोष फिलहाल मालदह जिला के पुलिस अधीक्षक हैं।
लाल डायरी में कंपनी से सम्पर्क रखने वाले प्रभावशाली लोगों के नाम एवं कब- किसने कितने पैसे लिए हैं, का विस्तृत ब्यौरा है। सुदीप्त सेन और उसकी सहयोगी देवयानी मुखर्जी ने जांच अधिकारियों को बताया है कि विधाननगर पुलिस छापेमारी के दौरान उक्त लाल डायरी जब्त कर ले गई थी। सीबीआई का मानना है कि पुलिस ने उक्त डायरी को छुपा दिया है। इसलिए सीबीआई उक्त पुलिस अधिकारियों से पूछताछ करना चाहती है।
इससे पहले सीबीआई ने राज्य के पुलिस महानिदेशक वीरेन्द्र को ई-मेल कर एसआईटी प्रमुख राजीव कुमार एवं अन्य तीन आईपीएस अधिकारियों विनित कुमार गोयल, पल्लव कांति घोष एवं तमाल बसु को पूछताछ के लिए तलब किया था। इनको 22 से 25 अगस्त के बीच हाजिर होने को कहा गया था, लेकिन हाजिर नहीं हुए थे। इस बारे में सीबीआई ने अपने मुख्यालय को सूचित किया है।

बातचीत का अनुरोध

सीबीआई सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल सीआईडी ने ई-मेल कर सारधा मामले के लिए गठित एसआईटी में शामिल अधिकारियों से बातचीत करने का अनुरोध किया है। सीबीआई इसके लिए राजी नहीं है। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उक्त सभी पुलिस अधिकारियों का बयान रिकार्ड करना है। उनसे बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं है। उक्त ई-मेल को दिल्ली सीबीआई मुख्यालय में भेजा गया है। उधर से आदेश मिलने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।

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