मालूम हो कि मंगलवार को परीक्षा के प्रथम दिन प्रथम भाषा बांग्ला के प्रश्नपत्र भी लीक हो गए थे। इस घटना पर कार्रवाई करते हुए माध्यमिक शिक्षा पर्षद अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने विधाननगर थाने के साइबर सेल में मामला दर्ज कराया है। इसके साथ ही यह साफ कह दिया गया है कि परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा पर्षद के सारे इंतजाम बेकार नकल रोकने के लिए मोबाइल और अन्य उपकरणों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने के लिए किए गए माध्यमिक परीक्षा शिक्षा पर्षद सारे इंतजाम बेकार साबित हो रहे हैं। इस वर्ष की माध्यमिक परीक्षा में अब तक दो दिनों में दो विषयों के प्रश्नपत्र वायरल हो चुके हैं। मालूम हो कि माध्यमिक शिक्षा पर्षद की ओर से परीक्षा केन्द्र में मोबाइल नहीं ले जाने को लेकर कई कड़़ाई की गई है। लाख नियमों के बाद भी स्थिति बद से बदतर हो गई है। यहां तक शिक्षकों के मोबाइल भी स्विच ऑफ करके अलमारी में बंद करने का निर्देश है। इसके साथ ही गैर शिक्षण कर्मचारी तो मोबाइल ले जा ही नहीं सकते। ऐसे मे प्रश्नपत्र वायरल हो रहे हैं, तो जरूर कहीं न कहीं इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
सिर्फ मोबाइल की जांच के लिए नियुक्त है एक अधिकारी मध्यमिक शिक्षा पर्षद की ओर से एक सराकारी अधिकारी को सिर्फ मोबाइल क ी जांच के लिए ही नियुक्त किया गया है। इस सरकारी अधिकारी का काम है कि हर कक्षा में जाकर यह देखना कि कहीं कोई परीक्षार्थी मोबाइल का इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है। पर्षद का सख्त निर्देश है कि केंद्र पर नियुक्त अधिकारी को इस संबंध में सख्ती से जिम्मेदारी निभानी होगी।
शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा नहीं हुए प्रश्नपत्र लीक परीक्षा चलने के दौरान दो दिनों में ऐसे आरोप सामने आए कि प्रश्नपत्र वायरल हुए हैं, पर वास्तव में प्रश्नपत्र लीक होने की कोई खबर नहीं है। वायरल तस्वीरों को लेकर राज्य शिक्षा की छवि खराब की जा रही है। इसके साथ ही किसी भी परीक्षा केन्द्र से कोई भी विद्यार्थी मोबाइल के साथ पकड़ा जाता है, तो वहां के पुलिस अधीक्षक व कलक्टर उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा पर्षद के सभी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी गई है कि निगरानी में कोई भी ढिलाई नहीं बरती जाए। जो भी आरोप सामने आएं हैं उस पर पर्षद से रिपोर्ट मांंगी गई है।