scriptकई चप्पलों को देख हुआ संदेह, अंदर झांकते ही लोगों की नजरें फटी की फटी रह गईं | Sensational case of illegal game surfaced | Patrika News
कोलकाता

कई चप्पलों को देख हुआ संदेह, अंदर झांकते ही लोगों की नजरें फटी की फटी रह गईं

बड़ी संख्या में साइकिलें और चप्पलों को देख इलाके के लोगों को संदेह हुआ और उसके बाद शाम के समय दुकान के अंदर झांकते ही लोगों की नजरें फटी की फटी रह गई, जी हां, हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांकीनाड़ा की

कोलकाताAug 29, 2019 / 07:55 pm

Rabindra Rai

कई चप्पलों को देख हुआ संदेह, अंदर झांकते ही लोगों की नजरें फटी की फटी रह गईं

कई चप्पलों को देख हुआ संदेह, अंदर झांकते ही लोगों की नजरें फटी की फटी रह गईं

कांकीनाड़ा. बड़ी संख्या में साइकिलें और चप्पलों को देख इलाके के लोगों को संदेह हुआ और उसके बाद शाम के समय दुकान के अंदर झांकते ही लोगों की नजरें फटी की फटी रह गई, जी हां, हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांकीनाड़ा की। इलाके की एक अधखुली दुकान में बच्चों को अवैध तरीके से पबजी गेम खिलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस सिलसिले में दो जनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दुकान में 12 बच्चे खेलते पाए गए, जिन्हें उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। दुकान सील कर दी गई है।
पुलिस ने बताया कि भाटपाड़ा थाना इलाके की दुकान में अवैध तरीके से मोबाइल, इंटरनेट, वीडियो गेम खिलाए जाने की शिकायत पुलिस को मिल रही थी। पुलिस ने औंचक छापेमारी की तो दुकान के बाहर कई साइकिलें खड़ी थीं, दुकान का शटर आधा खुला हुआ था। भीतर अंधेरे कमरे में 12 बच्चे पबजी खेलने में मग्न मिले। पुलिस ने दुकान के दो संचालकों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया है कि अभिभावकों के मना करने व मोबाइल वापस लेने के बाद यहां आकर बच्चे माता-पिता से झूठ बोलकर घंटों यहीं पर बैठकर पबजी खेलते थे। दुकान में वाईफाई, १२ मोबाइल फोन भी मिले हैं। पुलिस ने मोबाइल जब्त कर दुकान को सील कर दिया है।
बताया जाता है कि ट्यूशन पढऩे जाने के बहाने बच्चे अनिल साव नामक व्यक्ति की दुकान में घुस जाते थे। इलाके के लोगों का आरोप है कि इस दुकान में बिल्कुल अंधेरा छाया रहता था, शटर आधा गिरा दिया जाता था ताकि किसी को कुछ पता न चल सके। दुकानदार बच्चों को पबजी गेम और अन्य गेम खेलने का मौका दे रहे थे। जिन बच्चों को घर में मोबाइल छूना भी मना था वही बच्चे इस दुकान में पहुंचकर वीडियो गेम खेलते थे।
इलाके के लोगों को पता भी नहीं चल पाता था कि उनके बच्चे कहां पर हैं, क्योंकि दुकान का शटर इस तरह से नीचे कर रखा होता था कि भनक भी नहीं लग पाती थी। बच्चों के माता पिता का कहना है कि बार-बार मना करने पर भी दुकानदार उन्हें खेलने के लिए बुलाता था। साथ ही उनका कहना है कि प्रशासन ने इंतजाम नहीं किए तो यह एक नशे की तरह फैल जाएगा। अभिभावकों की शिकायत के बाद दुकान को बंद कर दिया गया। दुकानदार ने भी माना कि बच्चों को सुबह और शाम अपनी दुकान में खेलने के लिए मोबाइल फोन देता था। एक घंटे के दस रुपए चार्ज करता था।

Home / Kolkata / कई चप्पलों को देख हुआ संदेह, अंदर झांकते ही लोगों की नजरें फटी की फटी रह गईं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो